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Thursday, October 16, 2025

प्राकृतिक संगीत***नरेन्द्र चावला

                            

      प्राकृतिक संगीत 

     सब से सुहावना प्राकृतिक संगीत !सब के मन में भरता प्रीत !! 

     झरनों और नदियों का संगीत ! वृक्षों के पत्तों का संगीत !

       पक्षियों के कलरव की तरंग,सूर्योदय व सूर्यास्त के अनुपम रंग !  

        नभ में घनघोर घटाएं मधुरिम , वर्षा की बूंदों की रिमझिम। 

        भू से नभ तक नवीन उमंग , सुमनों पर भ्रमरों की गुंजन !

        प्राकृतिक संगीत का अद्भुत नज़ारा,तनाव दूर करता है हमारा !!

        जागो मानव हो जाओ सावधान,प्रकृति से रखो अधिक लगाव। 

        यदि करोगे हस्तक्षेप प्रकृति में ,भुगतोगे जानलेवा दुष्प्रभाव  !!

****************नरेंद्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका **************

        

          

Sunday, October 12, 2025

आदर्श विज्ञापन ***नरेन्द्र चावला

हमको नित्य प्रति मिलते रहते हैं ऐसे विज्ञापन। जिन से हो जाता है सब को आकर्षण।
10/20/50% या By 1, get 1 Free.
हम करते खरीदारी,होती दुकानदारों की खूब बिक्री।।
लेकिन ये सब होता है एक सीमित काल तक।    जबकि हमे प्रभु से मिले,अदभुत आकर्षण रहते अनंतकाल तक।। 
हमारे सत्कर्म हैं प्रभुप्रदत्त ऐसे आदर्श विज्ञापन सुन्दर।
जो बांटने पर भी बढ़ते रहते हैं,ये होकर पुण्यकर्म निरंतर।।
***नरेन्द्र चावला*वर्जीनिया*अमेरिका***




Sunday, September 28, 2025

फर्श से अर्श ( धरती से अम्बर)--- नरेन्द्र चावला

  फर्श से अर्श (धरती से अम्बर)
देख लीजिये धरती से अम्बर अथवा फर्श से अर्श !
कभी खुशी कभी गम,कहीं विलाप तो कहीं हर्ष !
जन्म से मृत्यु तक जीवन में है संघर्ष ही संघर्ष !!!

मानव-जीवन में बचपन,जवानी फिर वृद्धावस्था !
भुगतता है इंसान जैसे धूप - छांव की अवस्था !! 
जीवन के रूप कभी रोकर,कभी रह कर सहर्ष !!!

सुखी जीवन का केवल एक ही उपाय रखिये !
खुशी बाँटिये और खुद को भी सदा खुश रखिये !!
मुस्कुराकर बिताइये,हर दिन,हर सप्ताह हर वर्ष !!!

हंस-हंस कर बोलिये , मत कीजिये रोगों की बात !
योगप्राणायाम करोगे तो होगी खुशियों की बरसात !! 
सजधज के रहो,हॉबी भी रखो,मिले आनद-उत्कर्ष !!!

नाचो-गाओ,थोड़ा खाओ,खेलो बच्चों व दोस्तों के संग!
देखिये कॉमेडी सीरियल , वस्त्र पहनिए रंग-बिरंग !!
वर्ना बुढ़ापा तो है कूड़ा,रखो सकारात्मक विचार विमर्श!!

********नरेन्द्र कुमार चावला-गुरुग्राम-भारत *********        

 
  

Wednesday, September 10, 2025

पति पत्नी व्यंग्य*** नरेन्द्र चावला

     पति-पत्नी नोकझोंक (व्यंग्य) 

जब पत्नी के रूठने पर पति ने बनाये पकवान !

 देखिये क्या अद्भुत निकला इसका परिणाम !!

पति ने बनाया था चटनी वाला सेंडविच निराला !

चाय के संग जब बेटे ने खाया पहला ही निवाला !

एकदम उल्टी हो गई,माँ ने आकर तुरत उसे संभाला !

अरे,ये तो मेंहदी मैंने अपने बालों के लिए भिगाई थी !

जो तेरे पापा ने सेंडविच में चटनी समझ संजोयी थी !! 

उधर रसोई घर में बर्तनों का निकला पूरा दीवाला था !

इधर पतिदेव का मुरझाया हुआ चेहरा देखने वाला था !!

सही कहा गया है, "जिस का काम उसी को साजे " !

 नरेन्द्र चावला कहे "कोई और करे तो लाठी बाजे "!!

********नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका********




Monday, September 8, 2025

श्राद्ध - प्रक्रिया में सन्शोधन---नरेन्द्र चावला की रचना

         श्राद्ध -प्रक्रिया में संशोधन 

आधुनिक युग में भी निभा रहे,कुछ सज्जन लोग संस्कार।

 हिन्दू विक्रमी सम्वत से संबंधित , सभी वार - त्यौहार।। 

  लेकिन रखना चाहिए सामाजिक वातावरण का भी ध्यान। 

  वार-त्योहारों में करोगे निर्धन सेवा तो भगवान देंगे वरदान।। 

  अपने पूर्वजों की आत्मा,शांति हेतू , निस्संदेह मनाओ श्राद्ध।

   परन्तु कुछ आवश्यक निर्देश हैं , जिनको रखना याद।। 

    हमें पारम्परिक अंधानुकरण को ,धीरे-धीरे छोड़ना पड़ेगा। 

    अभावग्रस्त,ज़रूरतमंदों की मदद को रुख मोड़ना पड़ेगा।।

     आधुनिक पंडित निर्धन नहीं हैं ,अधिकतर हैं सम्पन्न।

     किसी दलित,कामगार को कुछ दोगे,तो वह होगा प्रसन्न।।

     स्कूली निर्धन बच्चों फीस,पुस्तकें,यूनिफार्म भी है उत्तम दान। 

     वृद्धाश्रम ,गऊशाला ,सैनिकसेवा या नारायण सेवा संस्थान।।

      ऐसे पुण्य कर्म करोगे तो दिवंगत आत्मायें देंगी वरदान। 

      श्राद्ध हो,कोई पुण्यतिथि या जन्मोत्स्व,खुश होंगे भगवान।।       ** नरेन्द्र चावला-भारत~अमेरिका**       

               

Wednesday, September 3, 2025

पालतू जानवर***नरेन्द्र चावला

                   पालतू जानवर
आज हमारे समाज में हो रहे हैं नित्यप्रति अद्भुत बदलाव !
मानव-सम्बन्धों में कमी हो रही,जानवरों संग अधिक लगाव !!
हम पालते जा रहे हैं बहुमूल्य कुत्ते , बिल्लियां और परिंदे !
कभी सीखो इन बेज़ुबानों से वफादारी व बनो सच्चे वाशिंदे !!
ये सभी जानवर भोजन करते अपना-अपना,दूजे का नहीं खाते। 
जल्दी सोना,जल्दी जगना,बीमारी व रात में कभी कुछ न खाते।।
निस्स्वार्थ भाव व प्रेम-प्यार से , तिनकों से घौंसला स्वयं बनाएं।
धीरे-धीरे प्यार से चलना,उड़ना फिर खाना बच्चों को खिलाएं।।
प्राय:मालिक या नौकर सड़कों पे सैर करवाते,इनको सुबह-शाम। 
विभिन्न नस्लों के आकर्षक कुत्ते-बिल्लियां, हज़ारों-लाखों में हैं दाम।। 
अब तो इन पालतू जानवरों की हो चुकी है , लाखों में तादाद। 
एक हाथ में प्यारा कुत्ता,दूजे में मोबाईल,बच्चो की ज़िंदगी बर्बाद।।
लज्जा आती कहने में भी, हम सीखें इनसे रहन-सहन व वफ़ादारी ।
कभी मानव इनको है पालता, तो कभी बन जाता इनका मांसाहारी।।
नरेन्द्र चावला वरिष्ठ नागरिक की करबद्ध समाज से है पुकार। 
पालें इनको प्यार से नियमानुसार,पर न हो वृद्धों/बच्चो का तिरस्कार।।
***नरेन्द्र चावला-भारत*अमेरिका***      

       

Monday, September 1, 2025

हमारी शिक्षक परिस्थितियां हमारी,**नरेन्द्र चावला

             वेदों से शिक्षा 

      हमको बहुत कुछ सिखाया ज़िंदगी ने अनजाने में। 

                 वो किताबों में नहीं था,जो सबक पढ़ा ज़माने में !!

            सर्वोत्तम पुस्तकें हैं वेद,पुराण,गीता,मानस प्यारी!

            और सर्वोत्तम शिक्षक हैं परिस्थितियां हमारी !!

             प्रमाणित उत्तम उपदेशक हैं - चारों वेद हमारे !

             जीवन में प्रभु सच्चे सहयोगी व मित्र हैं हमारे !!

             भारत के सम्मानीय प्राचीन धरोहर हैं वेद पुराण !

             अध्ययन/पालन करे तो बन सकता है सच्चा इंसान !!

 **नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**   

                      

शिक्षक***नरेन्द्र चावला

                                          शिक्षक 

       ऐसा होता है जीवन में,एक आदर्श शिक्षक का प्रभाव !

       जब कुछ प्रशंसनीय छात्र ,भरते हैं किसी के अभाव !!

        जब वे करते हैं किसी पीड़ित व्यक्ति की निशुल्क सेवा।

        ऐसे होनहार छात्र जीवन में,अवश्य पाते हैं प्रभु से मेवा !!

               एक माल्यापुरम केरळ की घटना ने था मुझे हिला दिया !

               किसीने अध्यापिका को बहिष्कृत भिखारिन बना दिया।

              रेलवे स्टेशन के बाहर एक छात्र ने उसे भीख मांगते देखा !

           गौर से पहचाना अपनी शिक्षक को,जिसे सब कर रहे थे अनदेखा!

      उसने अपने मित्रों को तुरन्त वहां पर बलाया। 

फिर अपने घर ले जाकर वस्त्र दिए और खाना खिलाया ! 

और फिर किसी अच्छे विद्यालय में नौकरी दिलवाई। 

ऐसे आदर्श छात्रों को,नरेन्द्र चावला शिक्षक की हार्दिक बधाई।।

इसी को कहते हैं पढ़ना-गुड़ना , किसी असहाय के घाव भरना।                       केवल डिग्रियां प्राप्त करके भाता है   सब को अपना ही पेट भरना।

         असली पढ़ाई तो होती है किसी असमर्थ,अपाहिज के काम आना। 

        डॉक्टर,वकील,इंजीनीयर बनकर सभी चाहते हैं सिर्फ पैसा कमाना।।       

**नरेन्द्र चावला*वर्जीनिया*अमेरिका*       

                  

Sunday, August 31, 2025

यादें बचपन की*** नरेन्द्र चावला

          यादें बचपन की 

                  ( नरेन्द्र कुमार चावला ) 

सन उन्नीस सौ पचास पचपन की -----------

यादें घिर आयी हैं फिर आज मेरे बचपन की।!

भारत-विभाजन ने खेला मेरे बचपन में खेल !

परन्तु इस परलय ने बढ़ाया,पारस्परिक मेल।।

बंटता था भाई-बहनों,पड़ोसी व दोस्तों में सच्चा प्यार।

माँ-बाप,दादा-दादी,नाना-नानी,मामा,चाचा का मिला दुलार।।

मेरा बचपन अमीरी के झूलों से धरती पर आ गिरा। 

Imported खिलौनों से देसी खिलौनों में आ घिरा।।

और अब मिले ऐसे खेल,जिनसे हुआ में मित्रों से मेल।।

स्टापू खेलना व रस्सी कूदना,डंडे से पहिये चलाना। 

गुल्ली-डंडा,धूप-छाँव,गुड्डे-गुड़िया,गीटे व पिट्ठू खेलना।।

पेड़ों की डालियों पर हँसते-मुस्काते हुए झूले झूलना।

आंधी आने पर भागकर अम्बियां ले कर आना,मुश्किल है भुलाना।। 

सावन में पानी भरे गड्डों से मेंढ़कों की वो प्यारी टर्र-टर्र। 

रात को घर से बाहर जाकर , खेलने से लगता था डर।!

दुःख-सुख में पड़ोसियों का वो अविस्मरणीय सहयोग।

कहाँ खो गए वे सब हितैषी तथा निस्वार्थी प्यारे लोग !! 

अभावग्रस्त जीवन में भी बच्चों की इच्छा होती रही पूरी। 

खाना-कपड़े,शिक्षा,कुछ मनोरंजन भी मिला , जो था जरूरी।।

दादी से कहानियां सुनना तथा साथ-साथ मंदिर,गुरुद्वारे जाना।

रविवारआर्यसमाज जाना,नहीं भूलता बिनाका गीतमाला ज़माना।।

अविस्मरणीय है वो बचपन,जिसमें खुशियां देते रहे मां-बाप। 

आज रिश्ते-नाते दूर हो रहे,आर्थिक भूख बढ़ रही,समझे आप।!

और अब तो वरिष्ठ होकर लौट आया है अनोखा बचपन।

कविताएं लिखना, चित्रकारी तथा संगीत में गुजर रहा ये बचपन।।*नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका*    


   

           

Wednesday, August 6, 2025

हास्य चुटकियां***नरेन्द्र चावला

                  हास्य चुटकियां

शादी- शेर शेरनी से नहीं डरता क्योंकि उससे शादी नहीं करता ! 

जबकि शादीशुदा आदमी पत्नी से डरता है ------

बिल-चूहा और नेता कहीं पर भी बना सकते हैं ----

अफसर - क्लर्क को डांटते हुए बोला-आप बिलकुल निकम्मे और लापरवाह हैं !        उत्तर -O.K साहब आप हमसे बड़े हैं !

सफलता- प्राय: व्यक्ति की सफ़लता के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है !

मगर असफल व्यक्ति के पीछे दूसरी स्त्री का होता है ----------

बटन कमीज़ के- टूटे होते हैं शादीशुदा और कुंवारे पुरुष के ----                             केवल बटनों के टूटने के कारण अलग-अलग हैं -----

लड्डू -- दूसरे की थाली का हमेशा बड़ा लगता है चाहे लड्डू हो या पत्नी ----                     हा-हा-हा*संकलन कर्ता-नरेन्द्र चावला-अमेरिका*** 


Tuesday, July 29, 2025

उजाले ( दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि)-- नरेन्द्र चावला

                उजाले

  (दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि )

       उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो।

       न जाने किस घड़ी ज़िंदगी ही शाम हो जाए !! 

       इस भावुक शेयर ने तो मुझे पूरा हिला दिया। 

       मेरी काव्य-रचना का एक सिलसिला बना दिया।।

       केवल कुछ उजाले ही तो रह जाएंगी निशानियां। 

      हमारे अच्छे-बुरे कर्मों की ही ,बनेगी कहानियां।।

      न दौलत ,न प्रापर्टी ,न कपड़े और न ही कारें। 

        दुनिया से कुछ भी नहीं जाने वाला साथ हमारे।।

  सत्य है ज़िंदगी में हमें ऐसे उजाले छोड़ कर है जाना। 

 कि हमारे बाद कुछ प्यार से हमें याद  करे ज़माना !! 

***नरेंद्र चावला-भारत*अमेरिका***     


 

Saturday, July 12, 2025

अध्यापनकाल की स्मृतियां***नरेन्द्र चावला

    मेरी अध्यापन काल की स्मृतियाँ 

आज अकस्मात उभर कर आई एक स्मृति रेखा ! 

जब मैंने अपने अध्यापनकाल के दृश्यों को देखा !!

कभी हुयी दिल्ली रामपुरा स्कूल की गर्व की बात !

जब अमेरिका में एक योग्य छात्र से हुयी मुलाकात !!

शायद यही होता है एक सेवामुक्त अध्यापक पुरुस्कार !

विख्यात कम्पनी में निदेशक अनिल जैन का आभार !!

जिसने 1986/88 में मेरे सहकर्मियों की याद दिलाई !

कल उन्हीं के सुपुत्र के विवाह निमंत्रण पर दी बधाई !! 

जब एयरपोर्ट पर एक Mech,इंजीनियर ने किया प्रणाम!

मुझे पहचाना व बताया स्वीपर का पुत्र हूँ राज है नाम !! 

फिर याद आये कुछ बेहद शरारती बच्चे,जो पढ़ाई में कमज़ोर !

ऐसे छात्र खेलों में और कक्षा में नियंत्रण करते थे पुरज़ोर !! 

उस समय छात्र को दण्ड मिलने पर प्रसन्न होते थे अभिभावक !

और अनुशासन व्यवस्था भी चलती थी समुचित तथा व्यापक !!

मुझे गर्व होता है जब-जब देखता हूँ अपनी सेवानिवृति के चित्र !

अनुपम प्रसन्नता होती है देख कर उन निर्धन छात्रों के चरित्र !! 

जब उन छात्रों ने किया था मेरा इतनी पुष्प मालाओं से सम्मान !

ईश्वर से विनती है हमारी नई पीढ़ी पर,सरकार दे अधिक ध्यान !! 

शिक्षक दिवस पर होता है मन व्यथित देखकर हालात।

अपेक्षाकृत शिक्षकों के वेतन वृद्धि पर नहीं होती बात।।

कहने को तो छात्रों के भविष्य निर्माता कहलाते हैं।

परन्तु परिवार चलाने हेतु पार्टटाइम ट्यूशन पढ़ाते हैं।।

आज आधुनिक शिक्षा प्रणाली में अध्यापकों पर लगे हैं प्रतिबंध !                                                   अभिभावक भी हैं विवश क्योंकि संयुक्त-परिवार प्रथा हो रही बंद !! 

डाक्टर/इंजीनियर तो बन रहे परन्तु भूल गए,परम्परागत संस्कार ! 

नरेन्द्र चावला कहे अभी भी समय है संभालिये अब तो युवाशक्ति-प्रभार !! 

*****नरेन्द्र चावला -वर्जीनिया-अमेरिका*****

Tuesday, July 8, 2025

खोया- पाया--- नरेन्द्र चावला

     खोया पाया

जैसा भी बीज हम जीवन में बोते हैं।

वैसे ही कभी कुछ पाते,कभी कुछ खोते हैं

मिलते हैं हमें कभी दण्ड तो कभी पुरुस्कार ।

यही है हमारे कर्मों का खोया पाया चमत्कार।।

      अपने कर्मों के जाल से हम,नहीं सकते निकल।

      जन्म से मृत्यु तक हमें भोगना ही पड़ेगा फल !!

    कभी अस्वस्थ होंगे तो कभी आर्थिक हानि का होगा सामना।        कभी किसी को खोकर तो कभी खुशियों का दामन थामना।।

    हमें सदा रहना चाहिए ईश्वर अल्लाह  का शुक्रगुज़ार।

    जो पाया और जो खोया,सब हमारे कर्मों का हैआधार।।

    मैंने अपने शिक्षक-जीवन में पाए,आश्चर्यजनक पुरुस्कार। 

    जब-जब मिला दलित जाति के विद्यार्थियों से हार्दिक प्यार।।

    जो अब अपने जीवन में एक प्रतिष्ठित पद पर हैं कार्यरत।

    कुछ सरकारी स्कूल के बच्चों ने पाई विदेशों में महारत।। 

    केवल राष्ट्रीय पुरुस्कारों से ही नहीं होता मूल्यांकन हमारा। 

   वास्तविकता तो हमारे कर्म ही दिखाते हैं,पग-पग पे नज़ारा।।

मंदिर,मस्जिद,चर्च तथा गुरुद्वारों से ऊपर हैं हमारे करम।          किसीअसहाय का सहारा बनोगे तो मिट जायेंगे सब भरम।।

    जब-जब आती है ------- हमारे जीवन में समृद्धि। 

    समझ लीजिये आपके कर्मों के खाते में हुई है वृद्धि।।

   जब भी आप से मिलके,किसी के चेहरे पे आये मुस्कुराहट। 

   समझ लेना ये सब भी है परमात्मा के वरदान की आहट।।

जो खोया है वह नहीं था आपका।

जो पाया हैं पुरस्कार है आपका।।

**नरेन्द्र चावला*अमेरिका**

                          

      

Tuesday, July 1, 2025

पोस्ट कार्ड का वो गुज़रा ज़माना---- नरेन्द्र चावला

  पोस्ट कार्ड/खत/चिठ्ठियां 

याद आ रहा है पोस्टकार्ड का वो गुज़रा ज़माना। 

3/5 फिर15पैसों में हो जाता था मिलना-मिलाना।।

कितने प्यार से होता था,अपने डाकिये का इंतज़ार।

खबरें खुशी-गम की व लिफाफे में राखी का इंतज़ार ।।

खुशी-खुशी देते थे डाकिये को होली-दीवाली पे इनाम। 

कभी-कभी पोस्टकार्ड का फटा कोना मचाता था कोहराम।।

आज मुझे याद आरही है चिट्ठियों की, प्यारी-प्यारी भाषा। 

सारे परिवार के दिलों में रहती थी सुनने की अभिलाषा।

जैसे "अत्र कुशलम तत्रास्तु" हिंदी में लिखा होता था। 

"यहां खरियतहै आपकी खरियत खुदा से नेक मतलू"उर्दू में ,

और"चिटटे चौल उबाल के उत्ते पाँवां खंड , तुहाडी चिट्ठी पढ़ के--   दिलां च पेंदी ठंड" पंजाबी में लिखा होता था !!!!

Starting में हिंदी/पंजाबी में"मेरे परम पूज्य मासी,मामा,चाचा जी -

लिखते थे प्रणाम,पेरीपोना या हाथ जोड़कर नमस्कार। 

उर्दू में -"वालिद/वाल्दा/हमशीरा खैरियत से हैं बरखुरदार"।।

काश ! पोस्टकार्ड,अंतर्देशीय पत्र व एरोग्राम न होते बंद !

e mail,whats app,phone messagesमें कहाँ वो आनंद !!

**नरेन्द्र चावला-भारत**अमेरिका**


                         

Sunday, June 22, 2025

जीवन - सार (Jeevan - Saar)


जीवन - सार

विश्व के सभी ग्रन्थ महान, वेद, उपनिषद, बाईबल, पुराण !
भागवत, गीता, रामायण, कुरान, सभी का केवल एक बखान  !!
सत्य, ज्ञान, भक्ति आधारित, कर्म करे, सच्चा इन्सान !!

आत्मा - अभेद्य, अजर, अमर, मानव - काया है नश्वर !!
जग के मोह-माया बन्धन, केवल झूठे आकर्षण !!

शरीर हमारा वृक्ष है जैसे, आत्मा इस पर पक्षी समान !
शरीर वृक्ष जब मिट जायेगा, पक्षी की कहीं और उड़ान !

पाँच तत्व ही शिक्षाप्रद हैं, भू, जल, वायू सूर्य, आकाश !
मानव हित बरसाते रहते, जीवन-ज्योति, अन्न, प्रकाश !!

यदि मानव लालच में फंस कर, उपभोग करे, सीमा से बढ़कर !
यही तत्व, क्रोधित प्रलय से, कर सकते हैं सर्व-विनाश !!

प्रभु पूजा श्रद्धा से करिये, निराकार अथवा साकार !
 तीर्थ-दान, तप तभी हैं सच्चे, जब होंगे नि:स्वार्थ आधार !
 नानक, ईसा, बुद्ध, मुहम्मद, सभी के उत्तम यही विचार !!संकलन***नरेन्द्र चावला** अमेरिका

***
---USA अप्रैल 2006

वेदों से शिक्षा*** नरेन्द्र चावला

      वेदों से शिक्षा ( ऋग वेद ) 

ॐ ऋ २-२८-२ -- तव व्रते सुभगास: स्याम। 

सरलार्थ -- हे वर्णीय परमेश्वर ! हम आपके द्वारा उपदिष्ट व्रतों का 

               अनुसरण करते हुए  सौभाग्यशाली बने। 

अग्नि का व्रत -- हे परमेश्वर !हम आज से अपने जीवन में अग्नि व्रत 

           धारण करते हैं। जिस प्रकार अग्नि समस्त ईंधनों को जलाकर

           भस्म कर देती है उसी प्रकार हम अपने जीवन के समस्त दुर्गुणों 

            और दुर्व्यसनों को दमन करके ज्ञान और पुरुषार्थ के द्वारा तेजस्वी 

            तथा यशस्वी बनेगे । 

   वायु का व्रत -- हम अपने शरीर को वायु के सद्दृश्य बलशाली बनाएंगे। 

   सूर्य का व्रत -- जिस पारकर सूर्य अपने तेज एवं प्रकाश से अंधकार का 

            विनाश करता है उसी प्रकार हम अपने सामर्थ्य से अज्ञान और अभाव 

             को विनष्ट करेंगे।

    चन्द्रमा का व्रत -- जिस प्रकार चन्द्रमा के अंतर्गत शीतलता एवं सौम्यता है 

                उसी प्रकार हम अपनी वाणी और आचरण में मधुरता,सरलता एवं 

                 सौम्यता रखेंगे। 

    सत्य का व्रत--हम अपने जीवन में सदैव सत्य पथ का अनुसरण करेंगे। 

  ॐ ऋ -१-२३-२९ -- देवा भवत वाजिन: 

       सरलार्थ -- हे मनुष्यो ! तुम दिव्य गुणयुक्त और शक्तिशाली बनो।  

*नरेन्द्र चावला *


                        

               

     

Thursday, June 19, 2025

एक बच्चे की। आवाज़ (बाल गीत)**नरेन्द्र चावला

एक बच्चे के पापा मम्मी से प्रश्न

पापा मम्मी मुझे समझाओ,मेरा स्कूल तो है इतना बढ़िया।                            काम वाली आंटी के राजू का स्कूल क्यों है, इतना घटिया ??

      मैं तो जाता हूं स्कूल बस में ,बढ़िया ड्रेस व जूते पहन कर। 

     और राजू जाता पैदल टूटी चप्पल व साधारण ड्रेस पहनकर।।              पापा हम तो रहते हैं, कारों, A.C., Fridge T.V. वाले घरों में।

और वे क्यों रहते झौपड-पट्टी में,क्यों नहीं बढ़िया घरों में ??

पापा हम तो जाते मंदिर,गुरद्वारे के सत्संग में लगातार। 

 पर वे सब क्यों बैठे रहते प्रसाद-लंगर लेने को,बाहर बाँधे कतार ??               उसकी माँ क्यों करती लोगों के घर झाडूपौंछा और बर्तन साफ़ ??

मुझे नहीं जाना है स्कूल, खुदा का यह कैसा है इन्साफ !!!!   पापा आज मुझे ये सब समझाओ,दोनों के स्कूल एक जैसे बनवाओ !!!!*          

*नरेन्द्र चावला-भारत&अमेरिका *  

      

Friday, June 6, 2025

Focus *** N.K. Chawla

               FOCUS   

  Focusing on the problems,

 Create more & more problems .

While Focusing the Possibilities ,

 Provide more & more opportunities .

 Positive thinking lessens our problems .

 While Negative thoughts increase Tensions .

 Tolerance & Patience are not signs of weakness . 

  Rather these are the Signs of Strength .

  Our mind is a wonderful Servant .

  While it is a Dangerous Master .

  Decisions taken by Heart are more Impressive .

  While Decisions taken by Brain are No Longer .

   Relationship does`t mean only Shaking Hands .

   It needs Each other`s Holding Hands.

   DEATH does not mean the END.

   Its just in the Life --- A BEND . 

   Hard work can Beat the Talent . 

   While Talent can not Beat Hard work .

   Making Everyone Happy is not possible .

   So try to Be Happy with Everyone .

   How can we forget The English Poets ---

   Chaucer,Shakespear,Milton,Yeats,WilliamWordsworth .

   They are always Glittering in the Sky & at Earth .

 *********Collection by N.K.CHAWLA -America*********   

           

Sunday, May 25, 2025

ताज़गी***नरेन्द्र चावला

                   ताज़गी 

 ताज़गी किसको नहीं पसंद,चाहे वह फैशनेबल हो !

अथवा हो ज़िंदगी बिताने की सादगी !!

चाहे हो सब्ज़ियों ,फलों की हो या चाय की ताज़गी !

शुद्ध हवा की सुबह-सुबह में मिलने वाली ताज़गी !

इन सबके इलावा कुछ और भी होती हैं ताज़गी। 

जैसे मनमीत को मिलने पर जो मिलती है ताज़गी !

तो कुछ ज़िंदगी की अजीबोगरीब हैं ताज़गी -------

जैसे पति को पड़ोसन के दीदार से मिलने वाली ताज़गी। 

सास को बहु की बुराई करके मिलने वाली ताज़गी। 

फरमाईश पूरी होने की पत्नियों को मिलने वाली ताज़गी।

पड़ोसनों के घर ताक-झांक करने से मिली ताज़गी।

जीजा को साली को देखकर मिलने वाली ताज़गी।

भाभी को देवर से मज़ाक करने पर मिलने वाली ताज़गी। 

दादा-दादी,नाना-नानी को बच्चों से मिलकर मिलती है ताजगी !

नेताओं,अभिनेताओं को प्रसिध्दि पाने पर मिलती है ताज़गी !

विपक्षी नेताओं को संसद में कोलाहल करने से मिलती ताजगी!

कवि को कविता, गायक को गीत सुनाकर मिलती है ताज़गी !

प्रेमी को प्रेयसी से,भँवरे को कलि से मिलने पर मिलती है ताज़गी!

नरेंद्रचावला कहे दिलों को निःस्वार्थभाव से जोड़ती है ताज़गी!!

********नरेन्द्र चावला-गुरुग्राम-भारत ********  

   

    

Friday, May 2, 2025

अतुल्य सुम्मी तिवारी

अतुल्य संगीत का सागर है, सुम्मी प्रेम का सागर है।
तुम्हारे सब हैं दीवाने ***अतुल्य 
सुमि अतुल्य हैं बहुत भाग्यशाली**
दोनों के जन्मदिवस पे छाई खुशहाली**2
दीर्घायु स्वस्थ हों आप*दोनों को आशीर्वाद
मस्ती में हों मस्ताने***अतुल्य 
दुख और संकट रहें हमेशा ,तुमसे कोसों दूर**
ईश्वर की भक्ति का तुम पर रहे,सदा ही सरूर**2
सत्कर्म करो हरदम*गाओ खुशियों के तराने***
अतुल्य सुम्मी प्रेम का सागर हैं***

Monday, April 28, 2025

दान ! कैसा- कैसा ??

            दान ! कैसा -कैसा 

      दान देना भी एक सत्यकर्म है महान। 

एक से एक बढ़ कर दानियों से भरा पड़ा है जहान।।

अपने नाम से देना नहीं कहलाता दान ,

क्योंकि इसमें छलकता है मानव का अहंकार।

दान सदैव झुक कर ही देना चाहिए ,

क्योंकि वास्तव में प्रभु हैं सब कीकुछ देवनहार।।

नामांकन पट्टियां लगवाना,भवन दानआदि है अहम की तस्वीर।

जगत प्रसिद्ध हैं ऋषि दधीचि,शिवि तथा कर्ण आदर्श दानवीर।।

कन्या दान,गऊ दान,दुग्ध व जलदान को मानता है उचित समाज।

कुछ मुख्य दान हैं-शिक्षा देना तथा बाँटना वस्त्र,भोजन या अनाज।।

प्रशंसनीय हैं यदि किया जाए- बेनाम  गुप्तदान तथा क्षमादान।निंदनीय है समाज में मरणोपरांत किया जाने वाला गऊ दान।।   

लेकिन सर्वोत्तम माने जाते है नेत्रदान , अंगदान तथा रक्तदान। किन्तु सर्वोपरि है घोषित करना,मरणोपरान्त अपना देह दान।।

*नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका                                                          


Thursday, April 24, 2025

ऋतु कौन सी उत्तम *** नरेन्द्र चावला

   ऋतु कौन सी उत्तम क्या बारिश 

नरेन्द्र चावला कहे सज्जनो, तनिक करो विचार !

कौन सी ऋतु से होता आपको सर्वाधिक प्यार ??

ग्रीष्म ऋतु में हाय तोबा मचाते, पसीनी बहाते !

पंखे ,कूलर तथा एयरकंडीशन में समय बिताते !

पाचन समस्याएं ले लेकर अस्पतालों में जाते !!

वर्षा ऋतु में सावन के झूले पड़ते,ख़ुशी मनाते !

मक्खी,मच्छरों का आतंक,सड़कों पे कीचड़ के रंग !

शीत ऋतु में पाते राहत,खाने-पहनने की पूरी चाहत !  

तपती गर्मी से छुटकारा,बाढ़ व रोगों ने किया किनारा !

नये-पुराने पहनो कपडे,ताज़ा बासी के खत्म लफड़े !

मगर सभी ऋतुऐं हैं बढ़िया, पाकेट में हो यदि रुपय्या !!

*******नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका********

Monday, April 21, 2025

संकल्प / जुनून *** नरेन्द्र चावला

                       संकल्प / जुनून

जीवन में प्रत्येक उद्देश्य का होता है,केवल एक ही विकल्प। 

पूर्ण सफलता प्राप्ति हेतु होना चाहिए,जुनून और द्दृढ-संकल्प।।

बिना जुनून/संकल्प के अधूरा ही रहेगा , हमारा प्रत्येक प्रयास । 

अडिग संकल्प/जुनून है तो अवश्य पूर्ण होगी ,हमारी हर आस।!

सफल होने का पूर्ण संकल्प कीजिये ,अपने दिल-दिमाग से !

फिर चाहे खेलो अंतरिक्ष में नभ,जल,भू,वायु अथवा आग से !!

अमर रहेंगे संकल्प कर्ता महाराणा प्रताप ,छत्रपति शिवजी के काम 

मदरटेरेसा,तेंजिंगहिलेरी,बिलगेट,कल्पना चावला,सुनीता विलियम नाम !! 

राजकुमार सिद्धार्थ अपने जुनून/ संकल्प से ही तो बने - गौतम बुद्ध महान। 

अटूट जुनून/संकल्प से ही हैं जुड़े ,वीर अर्जुन तथा एकलव्य के बाण !!

भारत में तो प्रत्येक शुभ महूर्त-यज्ञ आदि में है , संकल्प/जुनून का सहारा। 

गृहप्रवेश,विवाह,नामकरण,व्यवसाय श्रीगणेश, मृत्यु तक होते  संकल्प/ जुनून द्वारा।।

वेद पुराण ,गीता,रामायण,ग्रंथ साहब के पाठ तथा शंखध्वनि हैं संकल्प / जुनून के प्रमाण। 

सच्ची श्रद्धा-विश्वास से किये गए यज्ञ,साक्षी हैं,पावन संकल्प तमाम।।*नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका*   

   

Tuesday, April 8, 2025

वसन्तोत्सव (Vasantotsav)

                           
           वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
            सकल जगत इससे,करता है प्यार !!
     वसंत पंचमी नवोदय का , सन्देश है लाती !
      बाग़ --बगीचों  में ----बहारें  हैं आती !
      प्राणी -जगत में नव--जीवन संचार !!---------
      खेत -खलिहानों ने ओड़ी ,पीली चादर !
      पतझड़ को दिया, विदाई का आदर !
     परिवर्तन -नियम ,  जीवन --आधार !!------
      पक्षी वृक्षों में देखो , मधुर चहचहाते !
     पुष्प वाटिकाओं में , हैं मुस्कुराते !
      वसंत -ऋतू  कहलाती ,है ऋतुराज !!-------
      फूलों की कलियाँ खिल,झलक दिखलाती,
     गेंदा ,गुलाब ,जूही ,नाचती हैं गाती !
   भ्रमर झूमते करते ,मधुर गुंजार !!-----------
  हरियाले वनों में कोकिल ,कूह -कूह कूजती !
  आमों की डालों  में सखियाँ ,झूला हैं झूलती !
 किसान भाई ख़ुशी -ख़ुशी ,गाते मल्हार !!-------
   वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
  सकल जगत इससे ,करता है प्यार !!

========नरेन्द्र कुमार चावला ===========

Friday, April 4, 2025

धर्मनिरपेक्षता पर गर्व ***नरेन्द्र चावला

  धर्म-निरपेक्षता पर गर्व 
अत्यंत हर्ष का विषय है,भारत की"धर्मनिरपेक्षता पर गर्व"। 
अप्रैल (चैत्र/वैसाख)मास में आये साथ-साथ,कितने पर्व।।
आरम्भ में नवरात्रे,कन्यापूजन,दुर्गा अष्टमी,रामनवमी त्यौहार। 
फिर आया वैसाखी पकी फसल कटाई का खुशियों का वार।।
साथ-साथ महावीर जयंती, गुडफ्राई डे,हनुमानजयंती उपहार। 
आ गए पावन नवरात्रे और पवित्र रमजान एक साथ इस बार।।
अपना-अपना भोजन बनाया और प्रेम से खाया,बढ़ा सद्व्यवहार। 
पृथक-पृथक वेशभूषा मत देखो , ये रंग दर्शाते इंद्रधनुषी प्यार।। 
प्रमाणित है भारत में हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई एकता व प्यार।
सब मिलजुल कर , हर्षित होकर मनाते ,अपने-अपने त्यौहार।।   
 समस्त विश्व में ऐसी सामंजस्य की ,मिलती नहीं कहीं मिसाल। 
  "भारत माता की जय"मिलकर बोलो ,मेरा भारतवर्ष विशाल।।
***नरेन्द्र चावला*भारत*अमेरिका***     

Sunday, March 30, 2025

अम्बे (दुर्गा)मैय्या की जय जयकार **नरेन्द्र चावला

अम्बे मैया (दुर्गा)की जय-जयकार 

                 TUNE- (उठाये जा उनके सितम,तू जियेजा ---)

              अम्बे मैया की जयजयकार तू किये जा --------

                हर पल मैया का ----- वरदान लिए जा !!

            कन्या रूप विच दर्शन देंदी। दुष्टां नू जग तों हर लेंदी !

            बस मंगदी ऐ सच्चा प्यार ---- जयजयकार किये जा !!

            देवी देवता तेरे गुण गांदे !मुंह मंगियां मुरादां पूरियां पांदे! 

            शेर सवारी दा सोहणा दरबार ----जयजयकार किये जा !!

              रक्त-पुष्प गल माला साजे !कनक समान कलेवर राजे !

          दुर्गा,काली,अम्बे,चण्डिकातेरे रूप हज़ार--जयजयकार किये जा !! 

                   अम्बे  मैया दी जयजयकार --- तू किये जा ! 

                    सच्ची श्रद्धा से वरदान लिए जा -------------

        *****नरेन्द्र चावला*****


     

Friday, February 21, 2025

गुरुजी( गुज़रा हुआ ज़माना*)***नरेन्द्र चावला

     गुरूजी ( गुज़रा हुआ जमाना ---)

गुरूजी  तुम्हारे दर पे ,हमे मिल गया ठिकाना !2! 

रहमत सभी पे करना ,करते हैं हम शुकराना !!गुरुजी -----

जो भी शरण में आया ,मस्तक को भी झुकाया !

बिन मांगे गुरूजी से उसने ,मन्नत को पूरी पाया !

गुरूजी के दरबार में आके ,मिलता सभी खज़ाना !!गुरूजी ---

जल-चाय परशाद जब पाते,सतसंग में मस्त होजाते !

संगत के साथ लंगर खाते और प्यार से हैं वरताते ! 

सरबत्त दे भले दी,गुरूजी मेहराँ सदा बरसाना !!गुरूजी ----

ॐ नमो शिवाय बोल के, करते तुम्हारी बंदगी !

अहंकार ,स्वार्थ छड्डिए,सुख-शांति दी होवे ज़िंदगी !

नफ़रत ,हिंसा गुरूजी--जग तों ख़तम करवाना !!गुरूजी --- 

********नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**********  




Tuesday, February 18, 2025

कर्मों के खेल*** नरेन्द्र चावला

                  कर्मों के खेल 

     वैसे तो मानव जीवन में अति महत्वपूर्ण माने जाते हैं हमारे करम !

     परन्तु कर्मों को भी बदल देते हैं,हमारे सात्विक विचार व परिश्रम !! 

     आपराधिक कर्मशील कंस ने पिता व बहन को दिया था कारावास !

     जबकि उसी राशि के बालक श्रीकृष्ण ने किया,दुष्ट कंस का विनाश!!  

     एक ही राशि थे लंकेश रावण तथा श्री राम,है ऐतिहासिक प्रमाण !

     एक को प्रतिवर्ष जलाया जाता है और दूजे पूज्यनीय भगवान !!

     एक ही खानदान के थे अर्जुन,कर्ण,दुर्योधन,पाण्डु तथा धृतराष्ट्र !

     कुछ मुस्लिम बने देशद्रोही तथा पूज्य अबुल कलाम ने चमकाया राष्ट्र !!

     इन सब के थे करम अलग और अलग ही भुगतना पड़ा सबको परिणाम !

 अपने-अपने कर्मों के कारण,कुछ लोग हुए अमर व कुछ हुए बदनाम !!                       नरेन्द्र चावला*भारत*अमेरिका

      

शिष्टाचार**हमारी संस्कृति**नरेन्द्र चावला

        शिष्टाचार - हमारी संस्कृति  

   जागो भारतवासियो अब भी अपना लो अपने संस्कार। 

    वर्ना उजड़ने को हो रहा है ,तुम्हारा भारत देश तैयार।। 

    शीघ्रातिशीघ्र पुनर्जीवित करो,अपने आदर और संस्कार।

     स्वयं उदाहरण बनकर के बच्चों में जगाईये शिष्टाचार।।

     स्कूल,कालेज में भारतीय संस्कृति के पाठ्यक्रम लाओगे।

     तो बहुत जल्द अपनी परम्पराओं का नया भारत पाओगे।। 

     सिखाओ मातापिता,बुज़ुर्गों,गुरुजनों के करना चरणस्पर्श। 

     अपने शिष्टाचार जगाने से देश की , प्रगति होगी उत्कर्ष।। 

     मिलते रहेंगे चिरस्थाई प्रगतिशील वरदान सर्वहितकारी। 

     विश्वास करो स्वस्थ होंगे मनमस्तिष्क,नहींहोगी कोई बीमारी।।

     आज समस्त विश्व भी करना चाहता है,इसी पद्धति का पालन।

     सकारात्मकता जगेगी विश्व में पनपेगा शांतिपूर्ण अनुशासन।।

*नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका 


 

      

      

         

Saturday, February 8, 2025

PLG ki वर्षगांठ पर बधाई***नरेन्द्र चावला

    PLG की वर्षगांठ पर बधाई 

आज हमारे जीवन में अपार हर्ष की घड़ी आयी !

नरेन्द्र चावला की PLG को USA से हार्दिक बधाई !!

  जैसे सच्चा प्रेम होता है जग में सर्वथा निरपेक्ष तथा निस्वार्थ !

वैसे ही PLG ने सभी धर्म,जाति के कवियों को बांधा एक साथ!विषय बनते कभी वातसल्य,कभी मित्रता तो कभी प्रणय प्रसाद !                                                                           PLG के प्रत्येक कार्यक्रमों में भी छिपा होता है प्रेम अगाध !!

   जैसे सर्वश्रेष्ठ होता हैवास्तविक प्रेम का चिरस्मरणीय आधार !

   PLG ने भी संगठित किया विश्व भर के कवियों का संसार।।

         *** नरेन्द्र चावला- वर्जीनिया-अमेरिका ***** 

Wednesday, January 29, 2025

अभिलाषा*** नरेन्द्र चावला

                     आशा/अभिलाषा  

       मानव की आशा तथा अभिलाषा सदा रहती हैं अनंत। 

        सदैव जन्म से ले कर मृत्यु पर्यन्त।।  

   जीवनभर भले ही मिले आशा अथवा निराशा।

परन्तु निरंतर सजीव रहती है हमारी अभिलाषा।।

 जैसे - जैसे पूर्ण हो जाती हैं हमारी अनिवार्यताएँ । 

 तुरंत चहुँ ओर से घेर लेती हैं हम को विलसितायें।।

तत्पश्चात उत्पन्न होने लगता है हमारे भीतर अहंकार। 

तथा उस पर छाने लगता है-स्वार्थ का अन्धकार।। 

दूसरों के सुख देख-देख कर ईर्षा हो जाती है प्रबल। 

किसी भी प्रकार अपनी अभिलाषा को करते हैं सफल।।

अंत में हो जाता है एक दिन,दूध का दूध-पानी का पानी। 

आशा तथा अभिलाषा में छिपी हैं हमारे कर्मों की यही कहानी।। 

****नरेन्द्र चावला**अमेरिका***** 

       

Monday, January 27, 2025

वार्तालाप ईश्वर और कुम्हार के बीच-- नरेन्द्र चावला की रचना

   पुतले-ईश्वर और कुम्हार के

 ये कैसी मोहमाया कहीं धूप तो कहीं छाया। 

प्राणी कभी धन दौलत तो कभी स्नेहबंधन में रहे भरमाया।।

स्वार्थ,अहम जब त्याग देंगे ,

तभी पाएंगे सुखशान्ति की छाया।।

         (वार्तालाप )                 एक बार ईश्वर और कुम्हार के बीच हुआ,विचित्र वार्तालाप। 

 दोनों ही हैं पुतला निर्माता ,सुनिये रोचक स्पष्टीकरण आप।! 

 कुम्हार बोला-"हे परमात्मा- हम दोनों ही तो पुतले बनाते हैं !

 मेरे पुतले शांत-निर्जीव व सजावटी हैं तथा पूजे भी जाते हैं।।

 और प्रभु आपके बनाये पुतले,परस्पर लड़ते व लड़वाते हैं"।।

ईश्वर-"मैंने तो मानव को मन-मस्तिष्क विशेष दिए थे अंग !

उसने स्वयं ही स्वार्थ,मोहमाया,अहंकार में उनको दिया रंग।।

अपने क्षणभंगुर जीवन के बारे में,सब भलीभांति जानते हैं। 

फिर भी इस मृगतृष्णा के पीछे निरंतर दिनरात भागते हैं।।

मेरे बनाये अहंकारी पुतले सुख में कभी नहीं करते मुझे याद!

केवल स्वयं ही करके कुकर्म,गलतियां,मुझे करते हैं फरियाद"!!

"हे कुम्हार-तू धन्य है,तेरे पुतलों के समक्ष,लोग सर झुकाते हैं। 

 जबकि मेरे पुतले मुझे रिझाने को,विभिन्न नाटक दिखलाते हैं "!! 

*********नरेन्द्र कुमार चावला -गुरुग्राम-भारत*********                     

Friday, January 17, 2025

कुर्बानियां*शहीदों को श्रद्धांजलि

 अमर हैं जग में,हिंदुस्तान की कुर्बानियां।
स्वर्ण अक्षरों में लिखी हैं,इतिहास में कहानियां।।
जालिमों के जुल्मों ने कर दी थी सीमाएं पार।
तब भी कमजोर न हुआ, शहीदों का स्वदेश प्यार।
चिनवाए गए दीवारों में बेटे,लुट गई जवानियां।।अमर हैं,,
तपते हुए तवों पर जालिमों ने बिठाया था।
गरम गरम रेत से , देश भक्तों को नहलाया था।
धर्म रक्षा हेतु प्राण त्यागे, कसमें निभाईयां।।अमर हैं,,,,,  
राजगुरु,सुखदेवभगतसिंह,श्रद्धानंद,दयानंद,हकीकतराय।
भाई मतिदास,जतिदास गुरु तेगबहादुर ने नहीं करी हाय।
सच्चे देशभक्त वीर छोड़ गए केवल निशानियां।।अमर हैं,,
वैसाखी का था दिन,अमृतसर जलियांवाला कर लो याद।
सरेआम निहत्थे मारे जनरल डायर बन गया था जल्लाद।
ऊधमसिंह ने कुर्बान होकर छोड़ी निशानियां।।अमर है ,,,
भूलते नहीं कभी महात्मागांधी लालबहादुर के बलिदान।                                             इंदिरा गांधी था राजीव गांधी ने त्यागे देश हित में प्राण।
अनेक सैनिकों बेनाम शहीदों की अमर कुर्बानियां।।अमर,
आज करो सभी मिलकर प्रण,जग से आतंक हटाएंगे।
फिर आएंगी अवश्य एक दिन घड़ी सुहानियां।।
अमर हैं हमेशा जग में,हिंदुस्तान की कुर्बानियां।।
***नरेन्द्र चावला*वर्जीनिया*अमेरिका***


Friday, January 10, 2025

लोहड़ी+पोंगल+मकर संक्रांति***नरेन्द्र चावला

         लोहड़ी+पोंगल+मकर संक्रांति 

         हमको भारतीय होने पर गर्व होता है बार -बार। 

       लोहड़ी,पोंगल,मकर संक्रांति एक साथ त्यौहार।।

     ऋतु परिवर्तन तथा फसलें हैं इनका आधार।

     माघ महीने का आरंभ तथा पतंगों की बहार।।

         उत्तरी भारत में लोहड़ी,दक्षिण में पोंगल होता। 

          मकर संक्रांति दोनों के संग धूमधाम से होता।।

                         लोहड़ी 

           प्राचीन प्रथानुसार बच्चे घर-घर ख़ुशी से जाते। 

            गीत गाकर लकड़ी,उपले,फुल्ले,गुड़,पैसे लाते।।

           रात को आग जलाकर चारों ओर सब नाचते गाते। 

           शादी व बच्चे की पहली लोहड़ी खुशियों संग मनाते।।

                         प्रसिद्द लोहड़ी गीत 

                सुन्दर मुंदरिये हो -- तेरा कौन विचारा। 

                दुल्ला भट्ठी वाला हो-दुल्ले दी धी व्याई। 

   सेर शक्कर पाई हो-  कुड़ी दे बोझे पाई।   कुड़ी दा सालू पाटा।शक्कर कौन समेटे। चाचा गाली देसे हो - चाचे चूरी कुट्टी। 

 ज़िम्मीदारां लुट्टी हो-ज़िम्मीदार सदाए। 

गिन-गिन पोले लाये हो-इक पोला रहगया। सिपाई फड़ के लै गया,सिपाई ने मारी इट  ,भांवें रो ते भंवें पिट।।

       **** टप्पे****

  तिल,मूंगफली,गुड़,रयोडियां।            रब्बा अरदास साडी-

   धीयाँ -पुत्तां दियां मनाओ लोहड़ियाँ।।

   मोह धीयां दा विसारो ना ----

रब दियां रहमतां नू**लोको कुक्ख विच मारो ना।!

       सानू दयो लोहड़ी- तेरी जीवे जोड़ी।। साडे पैरां हेठ रोड़ !

  सानू छेती-छेती टोर!! साडे

पैरां हेठ स्लाईंयां -असी कड़े वेले दियां आईंयां।।

       हिल्लो नी माई हिल्लो ना! सौ रुपय्ये बिना हिल्लो ना।

      ( कुछ न मिलने पर ) -हुक्के उत्ते हुक्का। ऐ घर भुक्खा।।

अन्य गीत--2- हुल्ले नी माय हुल्ले - दो बेरी पत्तर झुल्ले --

दो झुल पयियां खजूरां।

खजूरां सट्टया मेवा। एस मुंडे दा करो मंगेवा। एस मुंडे दी वोटी

निकली।घयो खांदी चूरी कुट्टदी।

कुट कूट भरया थाल। वोटी बवे

ननाना नाल। दो ननाना, इक भरजाई, मैं वोटी वेखन आई।

दे माई लोहड़ी, जीवे तेरी जोड़ी।

***।                                         Boys Song

  3--- वंजलि मारो वंजलि -वंजलि छड्डियां लम्मियाँ। 

               मीं वस्से ते कंकणा जम्मियाँ। कणकाँ हेठ बटेरे ------

4 ---- आखो मुंडयो ताना -ताना !बाग़ तमाशे जाना -- ताना !

           बागों मेनू कौड़ी लब्बी!कौड़ी दा मैं घा ल्यांदा। 

            घा मैं गऊ नू दित्ता ! दूध दी मैं खीर बनाई --

*******संकलन कर्ता --- नरेन्द्र चावला -अमेरिका************