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Tuesday, April 8, 2025

वसन्तोत्सव (Vasantotsav)

                           
           वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
            सकल जगत इससे,करता है प्यार !!
     वसंत पंचमी नवोदय का , सन्देश है लाती !
      बाग़ --बगीचों  में ----बहारें  हैं आती !
      प्राणी -जगत में नव--जीवन संचार !!---------
      खेत -खलिहानों ने ओड़ी ,पीली चादर !
      पतझड़ को दिया, विदाई का आदर !
     परिवर्तन -नियम ,  जीवन --आधार !!------
      पक्षी वृक्षों में देखो , मधुर चहचहाते !
     पुष्प वाटिकाओं में , हैं मुस्कुराते !
      वसंत -ऋतू  कहलाती ,है ऋतुराज !!-------
      फूलों की कलियाँ खिल,झलक दिखलाती,
     गेंदा ,गुलाब ,जूही ,नाचती हैं गाती !
   भ्रमर झूमते करते ,मधुर गुंजार !!-----------
  हरियाले वनों में कोकिल ,कूह -कूह कूजती !
  आमों की डालों  में सखियाँ ,झूला हैं झूलती !
 किसान भाई ख़ुशी -ख़ुशी ,गाते मल्हार !!-------
   वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
  सकल जगत इससे ,करता है प्यार !!

========नरेन्द्र कुमार चावला ===========

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