वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
सकल जगत इससे,करता है प्यार !!
वसंत पंचमी नवोदय का , सन्देश है लाती !
बाग़ --बगीचों में ----बहारें हैं आती !
प्राणी -जगत में नव--जीवन संचार !!---------
खेत -खलिहानों ने ओड़ी ,पीली चादर !
पतझड़ को दिया, विदाई का आदर !
परिवर्तन -नियम , जीवन --आधार !!------
पक्षी वृक्षों में देखो , मधुर चहचहाते !
पुष्प वाटिकाओं में , हैं मुस्कुराते !
वसंत -ऋतू कहलाती ,है ऋतुराज !!-------
फूलों की कलियाँ खिल,झलक दिखलाती,
गेंदा ,गुलाब ,जूही ,नाचती हैं गाती !
भ्रमर झूमते करते ,मधुर गुंजार !!-----------
हरियाले वनों में कोकिल ,कूह -कूह कूजती !
आमों की डालों में सखियाँ ,झूला हैं झूलती !
किसान भाई ख़ुशी -ख़ुशी ,गाते मल्हार !!-------
वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
सकल जगत इससे ,करता है प्यार !!
========नरेन्द्र कुमार चावला ===========
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