उजाले
(दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि )
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो।
न जाने किस घड़ी ज़िंदगी ही शाम हो जाए !!
इस भावुक शेयर ने तो मुझे पूरा हिला दिया।
मेरी काव्य-रचना का एक सिलसिला बना दिया।।
केवल कुछ उजाले ही तो रह जाएंगी निशानियां।
हमारे अच्छे-बुरे कर्मों की ही ,बनेगी कहानियां।।
न दौलत ,न प्रापर्टी ,न कपड़े और न ही कारें।
दुनिया से कुछ भी नहीं जाने वाला साथ हमारे।।
सत्य है ज़िंदगी में हमें ऐसे उजाले छोड़ कर है जाना।
कि हमारे बाद कुछ प्यार से हमें याद करे ज़माना !!
***नरेंद्र चावला-भारत*अमेरिका***
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