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Friday, February 21, 2025

गुरुजी( गुज़रा हुआ ज़माना*)***नरेन्द्र चावला

     गुरूजी ( गुज़रा हुआ जमाना ---)

गुरूजी  तुम्हारे दर पे ,हमे मिल गया ठिकाना !2! 

रहमत सभी पे करना ,करते हैं हम शुकराना !!गुरुजी -----

जो भी शरण में आया ,मस्तक को भी झुकाया !

बिन मांगे गुरूजी से उसने ,मन्नत को पूरी पाया !

गुरूजी के दरबार में आके ,मिलता सभी खज़ाना !!गुरूजी ---

जल-चाय परशाद जब पाते,सतसंग में मस्त होजाते !

संगत के साथ लंगर खाते और प्यार से हैं वरताते ! 

सरबत्त दे भले दी,गुरूजी मेहराँ सदा बरसाना !!गुरूजी ----

ॐ नमो शिवाय बोल के, करते तुम्हारी बंदगी !

अहंकार ,स्वार्थ छड्डिए,सुख-शांति दी होवे ज़िंदगी !

नफ़रत ,हिंसा गुरूजी--जग तों ख़तम करवाना !!गुरूजी --- 

********नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**********  




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