शिष्टाचार - हमारी संस्कृति
जागो भारतवासियो अब भी अपना लो अपने संस्कार।
वर्ना उजड़ने को हो रहा है ,तुम्हारा भारत देश तैयार।।
शीघ्रातिशीघ्र पुनर्जीवित करो,अपने आदर और संस्कार।
स्वयं उदाहरण बनकर के बच्चों में जगाईये शिष्टाचार।।
स्कूल,कालेज में भारतीय संस्कृति के पाठ्यक्रम लाओगे।
तो बहुत जल्द अपनी परम्पराओं का नया भारत पाओगे।।
सिखाओ मातापिता,बुज़ुर्गों,गुरुजनों के करना चरणस्पर्श।
अपने शिष्टाचार जगाने से देश की , प्रगति होगी उत्कर्ष।।
मिलते रहेंगे चिरस्थाई प्रगतिशील वरदान सर्वहितकारी।
विश्वास करो स्वस्थ होंगे मनमस्तिष्क,नहींहोगी कोई बीमारी।।
आज समस्त विश्व भी करना चाहता है,इसी पद्धति का पालन।
सकारात्मकता जगेगी विश्व में पनपेगा शांतिपूर्ण अनुशासन।।
*नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका
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