लोहड़ी+पोंगल+मकर संक्रांति
हमको भारतीय होने पर गर्व होता है बार -बार।
लोहड़ी,पोंगल,मकर संक्रांति एक साथ त्यौहार।।
ऋतु परिवर्तन तथा फसलें हैं इनका आधार।
माघ महीने का आरंभ तथा पतंगों की बहार।।
उत्तरी भारत में लोहड़ी,दक्षिण में पोंगल होता।
मकर संक्रांति दोनों के संग धूमधाम से होता।।
लोहड़ी
प्राचीन प्रथानुसार बच्चे घर-घर ख़ुशी से जाते।
गीत गाकर लकड़ी,उपले,फुल्ले,गुड़,पैसे लाते।।
रात को आग जलाकर चारों ओर सब नाचते गाते।
शादी व बच्चे की पहली लोहड़ी खुशियों संग मनाते।।
प्रसिद्द लोहड़ी गीत
सुन्दर मुंदरिये हो -- तेरा कौन विचारा।
दुल्ला भट्ठी वाला हो-दुल्ले दी धी व्याई।
सेर शक्कर पाई हो- कुड़ी दे बोझे पाई। कुड़ी दा सालू पाटा।शक्कर कौन समेटे। चाचा गाली देसे हो - चाचे चूरी कुट्टी।
ज़िम्मीदारां लुट्टी हो-ज़िम्मीदार सदाए।
गिन-गिन पोले लाये हो-इक पोला रहगया। सिपाई फड़ के लै गया,सिपाई ने मारी इट ,भांवें रो ते भंवें पिट।।
**** टप्पे****
तिल,मूंगफली,गुड़,रयोडियां। रब्बा अरदास साडी-
धीयाँ -पुत्तां दियां मनाओ लोहड़ियाँ।।
मोह धीयां दा विसारो ना ----
रब दियां रहमतां नू**लोको कुक्ख विच मारो ना।!
सानू दयो लोहड़ी- तेरी जीवे जोड़ी।। साडे पैरां हेठ रोड़ !
सानू छेती-छेती टोर!! साडे
पैरां हेठ स्लाईंयां -असी कड़े वेले दियां आईंयां।।
हिल्लो नी माई हिल्लो ना! सौ रुपय्ये बिना हिल्लो ना।!
( कुछ न मिलने पर ) -हुक्के उत्ते हुक्का। ऐ घर भुक्खा।।
अन्य गीत--2- हुल्ले नी माय हुल्ले - दो बेरी पत्तर झुल्ले --
दो झुल पयियां खजूरां।
खजूरां सट्टया मेवा। एस मुंडे दा करो मंगेवा। एस मुंडे दी वोटी
निकली।घयो खांदी चूरी कुट्टदी।
कुट कूट भरया थाल। वोटी बवे
ननाना नाल। दो ननाना, इक भरजाई, मैं वोटी वेखन आई।
दे माई लोहड़ी, जीवे तेरी जोड़ी।
***। Boys Song
3--- वंजलि मारो वंजलि -वंजलि छड्डियां लम्मियाँ।
मीं वस्से ते कंकणा जम्मियाँ। कणकाँ हेठ बटेरे ------
4 ---- आखो मुंडयो ताना -ताना !बाग़ तमाशे जाना -- ताना !
बागों मेनू कौड़ी लब्बी!कौड़ी दा मैं घा ल्यांदा।
घा मैं गऊ नू दित्ता ! दूध दी मैं खीर बनाई --
*******संकलन कर्ता --- नरेन्द्र चावला -अमेरिका************
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