देख लीजिये धरती से अम्बर अथवा फर्श से अर्श !
कभी खुशी कभी गम,कहीं विलाप तो कहीं हर्ष !
जन्म से मृत्यु तक जीवन में है संघर्ष ही संघर्ष !!!
मानव-जीवन में बचपन,जवानी फिर वृद्धावस्था !
भुगतता है इंसान जैसे धूप - छांव की अवस्था !!
जीवन के रूप कभी रोकर,कभी रह कर सहर्ष !!!
सुखी जीवन का केवल एक ही उपाय रखिये !
खुशी बाँटिये और खुद को भी सदा खुश रखिये !!
मुस्कुराकर बिताइये,हर दिन,हर सप्ताह हर वर्ष !!!
हंस-हंस कर बोलिये , मत कीजिये रोगों की बात !
योगप्राणायाम करोगे तो होगी खुशियों की बरसात !!
सजधज के रहो,हॉबी भी रखो,मिले आनद-उत्कर्ष !!!
नाचो-गाओ,थोड़ा खाओ,खेलो बच्चों व दोस्तों के संग!
देखिये कॉमेडी सीरियल , वस्त्र पहनिए रंग-बिरंग !!
वर्ना बुढ़ापा तो है कूड़ा,रखो सकारात्मक विचार विमर्श!!
********नरेन्द्र कुमार चावला-गुरुग्राम-भारत *********
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