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Monday, September 1, 2025

शिक्षक***नरेन्द्र चावला

                                          शिक्षक 

       ऐसा होता है जीवन में,एक आदर्श शिक्षक का प्रभाव !

       जब कुछ प्रशंसनीय छात्र ,भरते हैं किसी के अभाव !!

        जब वे करते हैं किसी पीड़ित व्यक्ति की निशुल्क सेवा।

        ऐसे होनहार छात्र जीवन में,अवश्य पाते हैं प्रभु से मेवा !!

               एक माल्यापुरम केरळ की घटना ने था मुझे हिला दिया !

               किसीने अध्यापिका को बहिष्कृत भिखारिन बना दिया।

              रेलवे स्टेशन के बाहर एक छात्र ने उसे भीख मांगते देखा !

           गौर से पहचाना अपनी शिक्षक को,जिसे सब कर रहे थे अनदेखा!

      उसने अपने मित्रों को तुरन्त वहां पर बलाया। 

फिर अपने घर ले जाकर वस्त्र दिए और खाना खिलाया ! 

और फिर किसी अच्छे विद्यालय में नौकरी दिलवाई। 

ऐसे आदर्श छात्रों को,नरेन्द्र चावला शिक्षक की हार्दिक बधाई।।

इसी को कहते हैं पढ़ना-गुड़ना , किसी असहाय के घाव भरना।                       केवल डिग्रियां प्राप्त करके भाता है   सब को अपना ही पेट भरना।

         असली पढ़ाई तो होती है किसी असमर्थ,अपाहिज के काम आना। 

        डॉक्टर,वकील,इंजीनीयर बनकर सभी चाहते हैं सिर्फ पैसा कमाना।।       

**नरेन्द्र चावला*वर्जीनिया*अमेरिका*       

                  

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