Search This Blog

Thursday, June 19, 2025

एक बच्चे की। आवाज़ (बाल गीत)**नरेन्द्र चावला

एक बच्चे के पापा मम्मी से प्रश्न

पापा मम्मी मुझे समझाओ,मेरा स्कूल तो है इतना बढ़िया।                            काम वाली आंटी के राजू का स्कूल क्यों है, इतना घटिया ??

      मैं तो जाता हूं स्कूल बस में ,बढ़िया ड्रेस व जूते पहन कर। 

     और राजू जाता पैदल टूटी चप्पल व साधारण ड्रेस पहनकर।।              पापा हम तो रहते हैं, कारों, A.C., Fridge T.V. वाले घरों में।

और वे क्यों रहते झौपड-पट्टी में,क्यों नहीं बढ़िया घरों में ??

पापा हम तो जाते मंदिर,गुरद्वारे के सत्संग में लगातार। 

 पर वे सब क्यों बैठे रहते प्रसाद-लंगर लेने को,बाहर बाँधे कतार ??               उसकी माँ क्यों करती लोगों के घर झाडूपौंछा और बर्तन साफ़ ??

मुझे नहीं जाना है स्कूल, खुदा का यह कैसा है इन्साफ !!!!   पापा आज मुझे ये सब समझाओ,दोनों के स्कूल एक जैसे बनवाओ !!!!*          

*नरेन्द्र चावला-भारत&अमेरिका *  

      

No comments: