जीवन - सार
विश्व के सभी ग्रन्थ महान, वेद, उपनिषद, बाईबल, पुराण
!
भागवत, गीता, रामायण, कुरान, सभी का केवल एक बखान !!
सत्य, ज्ञान, भक्ति आधारित, कर्म करे, सच्चा इन्सान
!!
आत्मा - अभेद्य, अजर, अमर, मानव - काया है नश्वर
!!
जग के मोह-माया बन्धन, केवल झूठे आकर्षण !!
शरीर हमारा वृक्ष है जैसे, आत्मा इस पर पक्षी समान
!
शरीर वृक्ष जब मिट जायेगा, पक्षी की कहीं और उड़ान
!
पाँच तत्व ही शिक्षाप्रद हैं, भू, जल, वायू सूर्य,
आकाश !
मानव हित बरसाते रहते, जीवन-ज्योति, अन्न, प्रकाश
!!
यदि मानव लालच में फंस कर, उपभोग करे, सीमा से बढ़कर
!
यही तत्व, क्रोधित प्रलय से, कर सकते हैं सर्व-विनाश
!!
प्रभु पूजा श्रद्धा से करिये, निराकार अथवा साकार
!
तीर्थ-दान,
तप तभी हैं सच्चे, जब होंगे नि:स्वार्थ आधार !
नानक, ईसा,
बुद्ध, मुहम्मद, सभी के उत्तम यही विचार !!संकलन***नरेन्द्र चावला** अमेरिका
***
---USA अप्रैल 2006
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