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Sunday, June 22, 2025

जीवन - सार (Jeevan - Saar)


जीवन - सार

विश्व के सभी ग्रन्थ महान, वेद, उपनिषद, बाईबल, पुराण !
भागवत, गीता, रामायण, कुरान, सभी का केवल एक बखान  !!
सत्य, ज्ञान, भक्ति आधारित, कर्म करे, सच्चा इन्सान !!

आत्मा - अभेद्य, अजर, अमर, मानव - काया है नश्वर !!
जग के मोह-माया बन्धन, केवल झूठे आकर्षण !!

शरीर हमारा वृक्ष है जैसे, आत्मा इस पर पक्षी समान !
शरीर वृक्ष जब मिट जायेगा, पक्षी की कहीं और उड़ान !

पाँच तत्व ही शिक्षाप्रद हैं, भू, जल, वायू सूर्य, आकाश !
मानव हित बरसाते रहते, जीवन-ज्योति, अन्न, प्रकाश !!

यदि मानव लालच में फंस कर, उपभोग करे, सीमा से बढ़कर !
यही तत्व, क्रोधित प्रलय से, कर सकते हैं सर्व-विनाश !!

प्रभु पूजा श्रद्धा से करिये, निराकार अथवा साकार !
 तीर्थ-दान, तप तभी हैं सच्चे, जब होंगे नि:स्वार्थ आधार !
 नानक, ईसा, बुद्ध, मुहम्मद, सभी के उत्तम यही विचार !!संकलन***नरेन्द्र चावला** अमेरिका

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---USA अप्रैल 2006

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