ताज़गी
ताज़गी किसको नहीं पसंद,चाहे वह फैशनेबल हो !
अथवा हो ज़िंदगी बिताने की सादगी !!
चाहे हो सब्ज़ियों ,फलों की हो या चाय की ताज़गी !
शुद्ध हवा की सुबह-सुबह में मिलने वाली ताज़गी !
इन सबके इलावा कुछ और भी होती हैं ताज़गी।
जैसे मनमीत को मिलने पर जो मिलती है ताज़गी !
तो कुछ ज़िंदगी की अजीबोगरीब हैं ताज़गी -------
जैसे पति को पड़ोसन के दीदार से मिलने वाली ताज़गी।
सास को बहु की बुराई करके मिलने वाली ताज़गी।
फरमाईश पूरी होने की पत्नियों को मिलने वाली ताज़गी।
पड़ोसनों के घर ताक-झांक करने से मिली ताज़गी।
जीजा को साली को देखकर मिलने वाली ताज़गी।
भाभी को देवर से मज़ाक करने पर मिलने वाली ताज़गी।
दादा-दादी,नाना-नानी को बच्चों से मिलकर मिलती है ताजगी !
नेताओं,अभिनेताओं को प्रसिध्दि पाने पर मिलती है ताज़गी !
विपक्षी नेताओं को संसद में कोलाहल करने से मिलती ताजगी!
कवि को कविता, गायक को गीत सुनाकर मिलती है ताज़गी !
प्रेमी को प्रेयसी से,भँवरे को कलि से मिलने पर मिलती है ताज़गी!
नरेंद्रचावला कहे दिलों को निःस्वार्थभाव से जोड़ती है ताज़गी!!
********नरेन्द्र चावला-गुरुग्राम-भारत ********
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