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Thursday, October 16, 2025

प्राकृतिक संगीत***नरेन्द्र चावला

                            

      प्राकृतिक संगीत 

     सब से सुहावना प्राकृतिक संगीत !सब के मन में भरता प्रीत !! 

     झरनों और नदियों का संगीत ! वृक्षों के पत्तों का संगीत !

       पक्षियों के कलरव की तरंग,सूर्योदय व सूर्यास्त के अनुपम रंग !  

        नभ में घनघोर घटाएं मधुरिम , वर्षा की बूंदों की रिमझिम। 

        भू से नभ तक नवीन उमंग , सुमनों पर भ्रमरों की गुंजन !

        प्राकृतिक संगीत का अद्भुत नज़ारा,तनाव दूर करता है हमारा !!

        जागो मानव हो जाओ सावधान,प्रकृति से रखो अधिक लगाव। 

        यदि करोगे हस्तक्षेप प्रकृति में ,भुगतोगे जानलेवा दुष्प्रभाव  !!

****************नरेंद्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका **************

        

          

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