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Tuesday, April 2, 2024

बचा लो बदलते रिश्ते***नरेन्द्र चावला

      बचा लो बदलते रिश्ते 

अब भी समय है बचा लीजिए अपने रिश्ते !

वर्ना पछताओगे जब उड़ जायेंगे ये फ़रिश्ते !!

कुछ रिश्ते हैं अभी तक जिन्दा,क्योंकि वो चुप हैं !

प्यार में बढ़ती जा रही है दरार,फिर भी चुप हैं !! 

वैसे अपनी-अपनी जगह पर सभी फ़रिश्ते हैं !

जबकि भीतर ही भीतर कुछ ज़ख्म रिसते हैं !!

 अच्छा तो यही है हमेशा जारी रखो मुस्कुराना !

मिलने पर या फोन पर पुराने किस्से न दोहराना !!

समझो,कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता !

सब जानते हैं कीचड में ही कमल पुष्प है खिलता !!

केवल नियम बना लो-जियो और सबको जीने दो !

कोई भी नहीं जानता - कल का सवेरा हो न हो !! 

******नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका*******

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