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Wednesday, April 10, 2024

मानवता जगाओ***नरेन्द्र चावला

मानवता जगाओ-होश में आओ

ओ बुद्धिमान इंसानों,होश में आओ , मानवता जगाओ !

ईद,दिवाली,होली,गुरुपर्व सभी त्यौहार हर साल मिलकर मनाओ !! 

गीता,क़ुरान,रामायण,बाईबल एक ही हैं, समझो,समझाओ!

मज़हबों की दीवारें गिराओ और स्वार्थी राजनैतिक पर्दे हटाओ !!

तीन तलाक़ रोको,बेटियों को पढ़ाओ,डाक्टर तथा इंजीनियर बनाओ !

वक़्त कहता है ,औरतों को असंख्य बच्चों की मां मत बनाओ !! 

श्यामा और शबनम को तथा रवि और आफ़ताब को एक ही रहने दो !

रावी,चिनाव,सतलुज,व्यास,झेलम नदियों को आज़ादी से बहने दो !!

लता मंगेशकर और मुहम्मद रफ़ी के सुरों को बाँटना अब बंद करो ! 

खुद को संवारों,दूसरों की आलोचना व गलतियां छांटना बंद करो !!

सूर्य को दिनकर कहो या आफ़ताब,चाँद को मयंक कहो या महताब !

पानी और खून का रंग एक जैसा ही रहेगा,अब तो समझो जनाब !!

याद करो मुहम्मद  इक़बाल का पुराना मगर गीत हरमन प्यारा !

 "मज़हब नहीं सिखाता आपस में वैर रखना ---------------- 

   हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा "!! 

**************नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**************   

 

   

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