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Sunday, April 21, 2024

गृहणी***नरेन्द्र चावला

                    गृहणी (2)

प्रत्येक परिवार में सुख का आधार होती है गृहणी !

यदि विचारें गंभीरता से तो हम सभी हैं उसके ऋणी !!

प्रसिद्द कहावत भी है -"बिन घरनी घर भूत का डेरा" !

सुगृहणी से ही परिवार में होता है ,परमेश्वर का बसेरा !!

जिसघर में नारी रहेगी बन सुगृहणी,होगी वहां सुखशांति!

यदि मिलेगी उसे कुसंगति सहयोगी,वहां होगी दुःख-क्रांति !!

सावित्री,अहिल्या,कौशल्या,सुमित्रा,जीजाबाई आदर्श नारी !

उदाहरण हैं उर्मिला,मांडवी,श्रुतकीर्ति,कुंती,मंदोदरी,गांधारी !!

इतिहास साक्षी है सुगृहणी बनी तो हुआ,घर व समाज सुधार!

कुगृहणी बनी जब-जब तो हुआ परिवारों व देशों का संहार!

सरस्वती,लक्ष्मी,पार्वती व नौ देवी रूपों में नारी पूजी जाती है !

लेकिन प्रगति के बावजूद भी नारी विश्व में द्वितीय स्थान पाती है !!

लज्जाजनक है कि आज भी सभ्य-उन्नत विश्व है पुरुष प्रधान !

नरेन्द्र चावला कहे ममता मयी,प्रेमाधार नारी का करो उत्थान !!

************नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका************    

 

  

 

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