गृहणी (2)
प्रत्येक परिवार में सुख का आधार होती है गृहणी !
यदि विचारें गंभीरता से तो हम सभी हैं उसके ऋणी !!
प्रसिद्द कहावत भी है -"बिन घरनी घर भूत का डेरा" !
सुगृहणी से ही परिवार में होता है ,परमेश्वर का बसेरा !!
जिसघर में नारी रहेगी बन सुगृहणी,होगी वहां सुखशांति!
यदि मिलेगी उसे कुसंगति सहयोगी,वहां होगी दुःख-क्रांति !!
सावित्री,अहिल्या,कौशल्या,सुमित्रा,जीजाबाई आदर्श नारी !
उदाहरण हैं उर्मिला,मांडवी,श्रुतकीर्ति,कुंती,मंदोदरी,गांधारी !!
इतिहास साक्षी है सुगृहणी बनी तो हुआ,घर व समाज सुधार!
कुगृहणी बनी जब-जब तो हुआ परिवारों व देशों का संहार!
सरस्वती,लक्ष्मी,पार्वती व नौ देवी रूपों में नारी पूजी जाती है !
लेकिन प्रगति के बावजूद भी नारी विश्व में द्वितीय स्थान पाती है !!
लज्जाजनक है कि आज भी सभ्य-उन्नत विश्व है पुरुष प्रधान !
नरेन्द्र चावला कहे ममता मयी,प्रेमाधार नारी का करो उत्थान !!
************नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका************
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