क्या है वास्तविक प्रसन्नता
मानव-जीवन में केवल एक ही है सुख का आधार !
मन की शांति है पूर्णता,शेष सब काल्पनिक संसार !!
अनंत व व्यर्थ इच्छाओं का जैसे-जैसे कर देंगे त्याग !
उसी दिन होगी भोर,मानसिक शांति से जागेंगे भाग !!
गलत लोगों का साथ तुरंत ही चुपचाप छोड़ दीजिये !
सत्संग तथा सतकर्मों की ओर खुद को मोड़ दीजिये !!
किसी को धोखे देना तथा गिरा कर अपनी उन्नति पाना !
है केवल क्षणिक प्रसन्नता परन्तु बाद में पड़ेगा पछताना !!
किसी जरूरतमंद की सहायता करके तो देखो एक बार !
उसके चेहरे पे आती है जो संतुष्टि और मुस्कराहट की बहार !!
निस्वार्थ सेवा तथा गुप्तदान से ही खुलते हैं स्वर्ग के द्वार !
आपके मन को मिलेगा अनुपम शान्ति का अद्भुत पुरुस्कार !!
**********नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**********
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