पत्नी-बीवी-बेगम (गंभीर व्यंग्य)
तीनो शब्दों का अर्थ एक ही है,कहो पत्नी,बीवी या बेगम !
पत्नी सदा पति पे तनी ,पति के हिस्से बेगम के सारे गम !!
हर वक़्त सहने के लिए रहना तैयार !
चाहे हो तकरार अथवा हो प्यार !!
चौबीस घंटे लटकती रहती है दोधारी तलवार !
जैसा मिल जाये खट्टा-मीठा,करना खुशी से स्वीकार !!
जो भी मिल जाये सब्ज़ी या दाल भात !
मुस्काते रहना,कभी मत करना फालतू बात !!
हर हालात में जरूरी है करते रहना तारीफ़ !
वरना सहनी पड़ेगी फिर वही पुरानी तकलीफ !!
पत्नी या बीवी शहर की हो अथवा चाहे गाँव की !
पतियों को सेवा करनी ही पड़ेगी उसके पाँव की !!
हाँ एक बात और उसके रिश्तेदारों की सदा तारीफ़ करना !
अपने रिश्तेदारों,किसी की पत्नी की तारीफ़ कभी मत करना !!
नरेन्द्र चावला कहे सुगढ़ पत्नी नहीं चाहती महंगे उपहार !
उसको चाहिये ससुराल में अपने घर जैसा अपनत्व व प्यार !!
याद रहे पत्नी होगी यदि सुशील व समझदार !
तो निस्संदेह स्वर्ग जैसा चमकेगा आपका परिवार !!
आदर्श दम्पति ही घर को बना सकते है सुख का आधार !!!!!
यदि त्याग देंवे किसी के बहकावे में आना और अहंकार !!
************नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**************
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