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Saturday, April 27, 2024

पत्नि* बीवी*बेगम* ( गम्भीर व्यंग्य)***नरेन्द्र चावला

              पत्नी-बीवी-बेगम (गंभीर व्यंग्य)

तीनो शब्दों का अर्थ एक ही है,कहो पत्नी,बीवी या बेगम ! 

पत्नी सदा पति पे तनी ,पति के हिस्से बेगम के सारे गम !! 

         हर वक़्त सहने के लिए रहना तैयार !

         चाहे हो तकरार अथवा हो प्यार !! 

   चौबीस घंटे लटकती रहती है दोधारी तलवार !

जैसा मिल जाये खट्टा-मीठा,करना खुशी से स्वीकार !!

       जो भी मिल जाये सब्ज़ी या दाल भात ! 

  मुस्काते रहना,कभी मत करना फालतू बात !! 

   हर हालात में जरूरी है करते रहना तारीफ़ ! 

 वरना सहनी पड़ेगी फिर वही पुरानी तकलीफ !!

पत्नी या बीवी शहर की हो अथवा चाहे गाँव की !

पतियों को सेवा करनी ही पड़ेगी उसके पाँव की !!

हाँ एक बात और उसके रिश्तेदारों की सदा तारीफ़ करना !

अपने रिश्तेदारों,किसी की पत्नी की तारीफ़ कभी मत करना !!

नरेन्द्र चावला कहे सुगढ़ पत्नी नहीं चाहती महंगे उपहार !

उसको चाहिये ससुराल में अपने घर जैसा अपनत्व व प्यार !!

याद रहे पत्नी होगी यदि सुशील व समझदार !

    तो निस्संदेह स्वर्ग जैसा चमकेगा आपका परिवार !!

 आदर्श दम्पति ही घर को बना सकते है सुख का आधार !!!!!

 यदि त्याग देंवे किसी के बहकावे में आना और अहंकार !!

************नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**************


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