भारतीय नगरों की महिमा
नरेन्द्र चावला दे रहा,भारतीय नगरों की महिमा का उपहार।
जिसे भूलता जा रहा,कम्प्यूटर के नशे में आज सारा संसार।।
धुंधली पड़ती जा रही है हमारे भारत की ऐतिहासिक शान।
खास-खास वस्तुओं से ही होती थी नगरों की पहचान।।
मेरठ की कैंचियाँ,रामपुरी चाकू,अलीगढ़ी ताले,मुरादाबाद के बर्तन।
बरेली के बांस,हापुड़ के पापड़,खुर्जा का घी,मथुरा के पेड़े खुरचन।।
हैदराबादी बिरयानी,मुम्बई की भेलपूरी ,बंगाली मिष्ठी व रसगुल्लों का स्वाद। पटियाला का पैग,सलवार, पंजाबी मक्की की रोटी सरसों का साग।।
फ़ैजाबाद की राबड़ी,दहीबड़ा,
कचौडी,फ़िरोज़ाबादी चूड़ियां।
दिल्ली की कुल्फी,भेड़मी, परांठे, कराची हलवा तथा जलेबियां।।
गुजराती खमनढोकला,खाखरा,आगरा का पेठा,नासिक के प्याज।
अमृतसरी पापड वडियां,कुलचे, कश्मीरी सेव, कुल्लु की शाल रहेंगे याद।।
ईलाहाबादी अमरुद ,नागपुर के संतरे,बनारसीसाड़ियां व पान।
देहरादून के चावल,जम्मू के राजमाहं,हरिद्वार चोटीवाले की दुकान।।
रिवाड़ी रोहतक की रेवड़ी, गुरुग्राम का ढोडा तथा मुजफ्फरनगर का गुड़ कमाल।
लुधियाना के गर्मकपड़े जालंधर केsportsgoods व फुटबाल।
पानीपत के खेस,दरियां,कम्बल तथा डोसा,इडली,सांबर दक्षिणकी शान। अमर हमारा स्वाभिमान,स्वागत है सबका पधारिए हिन्दोस्तान।। नरेन्द्र चावला*भारत*अमेरिका
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