घर के बाहर (वरिष्ठजनों हेतु )
मेरा निवेदन है वरिष्ठजनो से तथा जो हो चुके हैं सेवानिवृत !
घर के भीतर कम और बाहर रहोगे अधिक,तो रहोगे तनावमुक्त !!
बिस्तर में हरदम बैठे रहना तथा टी वी देखना,कम कीजिये हुजूर !
वर्ना धीरे-धीरे कोई न कोई रोग,तुम्हें एक दिन फंसा लेगा जरूर !!
बाहर घूमते रहोगे तो खुली हवा में,हँसते-मुस्काते तथा गाते रहोगे !
प्राकृतिक प्रांगण में नए-नए लोगों से परिचय से मन बहलाते रहोगे !!
अरे भाई ताश खेलो, शतरंज खेलो ,अंताक्षरी करो ,गप्पें लड़ाओ !
कवितायेँ लिखो,चित्र बनाओ,इच्छानुसार वस्त्र पहनो,नाचो गाओ !!
योग-प्राणायाम नित्य करना,अपनी सामर्थ्य अनुसार यात्रा पर जाना !
किसी का बुरा कभी मत सोचना,भोजन समय पर कम
ही खाना।।
घर में सबसे प्रेम व विनम्र स्वभाव से रहना ,जल्दी सोना,जल्दी जगना !
एक बात और है जरूरी शिशुओं संग बतियाना व प्रभु सुमिरन करना !
नरेन्द्र चावला कहे घर को सदा समझना आशियाना।।
************नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका*************
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