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Wednesday, December 11, 2024

दो भजन गुरुजी की सेवा में*** नरेन्द्र चावला

        दो भजन गुरूजी पर

               ( 1 )

 जब कोई उलझन पड़ जाये,जब कोई बात बिगड़ जाये !

जब मन कुछ समझ नहीं पाये,तो आना गुरूजी के पास !

सतसंग में देना साथ -गुरूजी सुनेंगे शुकराना से अरदास !!

ओ संगत जी ----------ओ  संगत जी ------------  

जब मन में हो घबराना ,जब रोग लगें तड़पाना !

अच्छा नहीं लगे ज़माना,क्रोध, लोभ को ठुकराना !

सुमिरन का ले लेना सहारा,ॐ नमो शिवाय मंत्र है प्यारा !

ओ संगत जी---------- ओ संगत जी --------------

होगी ख़त्म दुखों की रात,मिलेगी खुशियों की सौगात ! 

 मानो -मानो बात--शुकराना करते रहो दिनरात !

ओ संगत जी ------------ ओ संगत जी -------------

ॐ नमो शिवाय ,शिवजी सदा सहाय -----------

ॐ नमो शिवाय ,गुरूजी सदा सहाय ----------------

                   ( 2 ) 

जागो गुरूजी हमें सदा देखते रहते हैं ------

हम फिर भी स्वार्थ,अहंकार जाल में उलझे रहते हैं !

तोड़ो झूठा ताना -बाना,आडम्बर का है ये ज़माना !

मोह माया की नदिया में , हम बहते रहते हैं !!

गुरूजी हमें  देखते रहते हैं --------------

जागों अबतो इस निद्रा से,गर चाहो सदा सुख पाना !

करते रहो सत्संग हमेशा और गुरूजी का शुकराना !!

गुरूजी कृपा बरसाते रहते हैं -गुरूजी हमें देखते रहते हैं !!

ॐ नमो शिवाय शिवजी सदा सहाय, गुरूजी सदा सहाय !!

*********नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका********** 

 

   

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