दो भजन गुरूजी पर
( 1 )
जब कोई उलझन पड़ जाये,जब कोई बात बिगड़ जाये !
जब मन कुछ समझ नहीं पाये,तो आना गुरूजी के पास !
सतसंग में देना साथ -गुरूजी सुनेंगे शुकराना से अरदास !!
ओ संगत जी ----------ओ संगत जी ------------
जब मन में हो घबराना ,जब रोग लगें तड़पाना !
अच्छा नहीं लगे ज़माना,क्रोध, लोभ को ठुकराना !
सुमिरन का ले लेना सहारा,ॐ नमो शिवाय मंत्र है प्यारा !
ओ संगत जी---------- ओ संगत जी --------------
होगी ख़त्म दुखों की रात,मिलेगी खुशियों की सौगात !
मानो -मानो बात--शुकराना करते रहो दिनरात !
ओ संगत जी ------------ ओ संगत जी -------------
ॐ नमो शिवाय ,शिवजी सदा सहाय -----------
ॐ नमो शिवाय ,गुरूजी सदा सहाय ----------------
( 2 )
जागो गुरूजी हमें सदा देखते रहते हैं ------
हम फिर भी स्वार्थ,अहंकार जाल में उलझे रहते हैं !
तोड़ो झूठा ताना -बाना,आडम्बर का है ये ज़माना !
मोह माया की नदिया में , हम बहते रहते हैं !!
गुरूजी हमें देखते रहते हैं --------------
जागों अबतो इस निद्रा से,गर चाहो सदा सुख पाना !
करते रहो सत्संग हमेशा और गुरूजी का शुकराना !!
गुरूजी कृपा बरसाते रहते हैं -गुरूजी हमें देखते रहते हैं !!
ॐ नमो शिवाय शिवजी सदा सहाय, गुरूजी सदा सहाय !!
*********नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**********
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