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Monday, April 28, 2025

दान ! कैसा- कैसा ??

            दान ! कैसा -कैसा 

      दान देना भी एक सत्यकर्म है महान। 

एक से एक बढ़ कर दानियों से भरा पड़ा है जहान।।

अपने नाम से देना नहीं कहलाता दान ,

क्योंकि इसमें छलकता है मानव का अहंकार।

दान सदैव झुक कर ही देना चाहिए ,

क्योंकि वास्तव में प्रभु हैं सब कीकुछ देवनहार।।

नामांकन पट्टियां लगवाना,भवन दानआदि है अहम की तस्वीर।

जगत प्रसिद्ध हैं ऋषि दधीचि,शिवि तथा कर्ण आदर्श दानवीर।।

कन्या दान,गऊ दान,दुग्ध व जलदान को मानता है उचित समाज।

कुछ मुख्य दान हैं-शिक्षा देना तथा बाँटना वस्त्र,भोजन या अनाज।।

प्रशंसनीय हैं यदि किया जाए- बेनाम  गुप्तदान तथा क्षमादान।निंदनीय है समाज में मरणोपरांत किया जाने वाला गऊ दान।।   

लेकिन सर्वोत्तम माने जाते है नेत्रदान , अंगदान तथा रक्तदान। किन्तु सर्वोपरि है घोषित करना,मरणोपरान्त अपना देह दान।।

*नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका                                                          


Thursday, April 24, 2025

ऋतु कौन सी उत्तम *** नरेन्द्र चावला

   ऋतु कौन सी उत्तम क्या बारिश 

नरेन्द्र चावला कहे सज्जनो, तनिक करो विचार !

कौन सी ऋतु से होता आपको सर्वाधिक प्यार ??

ग्रीष्म ऋतु में हाय तोबा मचाते, पसीनी बहाते !

पंखे ,कूलर तथा एयरकंडीशन में समय बिताते !

पाचन समस्याएं ले लेकर अस्पतालों में जाते !!

वर्षा ऋतु में सावन के झूले पड़ते,ख़ुशी मनाते !

मक्खी,मच्छरों का आतंक,सड़कों पे कीचड़ के रंग !

शीत ऋतु में पाते राहत,खाने-पहनने की पूरी चाहत !  

तपती गर्मी से छुटकारा,बाढ़ व रोगों ने किया किनारा !

नये-पुराने पहनो कपडे,ताज़ा बासी के खत्म लफड़े !

मगर सभी ऋतुऐं हैं बढ़िया, पाकेट में हो यदि रुपय्या !!

*******नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका********

Monday, April 21, 2025

संकल्प / जुनून *** नरेन्द्र चावला

                       संकल्प / जुनून

जीवन में प्रत्येक उद्देश्य का होता है,केवल एक ही विकल्प। 

पूर्ण सफलता प्राप्ति हेतु होना चाहिए,जुनून और द्दृढ-संकल्प।।

बिना जुनून/संकल्प के अधूरा ही रहेगा , हमारा प्रत्येक प्रयास । 

अडिग संकल्प/जुनून है तो अवश्य पूर्ण होगी ,हमारी हर आस।!

सफल होने का पूर्ण संकल्प कीजिये ,अपने दिल-दिमाग से !

फिर चाहे खेलो अंतरिक्ष में नभ,जल,भू,वायु अथवा आग से !!

अमर रहेंगे संकल्प कर्ता महाराणा प्रताप ,छत्रपति शिवजी के काम 

मदरटेरेसा,तेंजिंगहिलेरी,बिलगेट,कल्पना चावला,सुनीता विलियम नाम !! 

राजकुमार सिद्धार्थ अपने जुनून/ संकल्प से ही तो बने - गौतम बुद्ध महान। 

अटूट जुनून/संकल्प से ही हैं जुड़े ,वीर अर्जुन तथा एकलव्य के बाण !!

भारत में तो प्रत्येक शुभ महूर्त-यज्ञ आदि में है , संकल्प/जुनून का सहारा। 

गृहप्रवेश,विवाह,नामकरण,व्यवसाय श्रीगणेश, मृत्यु तक होते  संकल्प/ जुनून द्वारा।।

वेद पुराण ,गीता,रामायण,ग्रंथ साहब के पाठ तथा शंखध्वनि हैं संकल्प / जुनून के प्रमाण। 

सच्ची श्रद्धा-विश्वास से किये गए यज्ञ,साक्षी हैं,पावन संकल्प तमाम।।*नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका*   

   

Tuesday, April 8, 2025

वसन्तोत्सव (Vasantotsav)

                           
           वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
            सकल जगत इससे,करता है प्यार !!
     वसंत पंचमी नवोदय का , सन्देश है लाती !
      बाग़ --बगीचों  में ----बहारें  हैं आती !
      प्राणी -जगत में नव--जीवन संचार !!---------
      खेत -खलिहानों ने ओड़ी ,पीली चादर !
      पतझड़ को दिया, विदाई का आदर !
     परिवर्तन -नियम ,  जीवन --आधार !!------
      पक्षी वृक्षों में देखो , मधुर चहचहाते !
     पुष्प वाटिकाओं में , हैं मुस्कुराते !
      वसंत -ऋतू  कहलाती ,है ऋतुराज !!-------
      फूलों की कलियाँ खिल,झलक दिखलाती,
     गेंदा ,गुलाब ,जूही ,नाचती हैं गाती !
   भ्रमर झूमते करते ,मधुर गुंजार !!-----------
  हरियाले वनों में कोकिल ,कूह -कूह कूजती !
  आमों की डालों  में सखियाँ ,झूला हैं झूलती !
 किसान भाई ख़ुशी -ख़ुशी ,गाते मल्हार !!-------
   वसंत प्रकृति का है ,अनुपम उपहार !
  सकल जगत इससे ,करता है प्यार !!

========नरेन्द्र कुमार चावला ===========

Friday, April 4, 2025

धर्मनिरपेक्षता पर गर्व ***नरेन्द्र चावला

  धर्म-निरपेक्षता पर गर्व 
अत्यंत हर्ष का विषय है,भारत की"धर्मनिरपेक्षता पर गर्व"। 
अप्रैल (चैत्र/वैसाख)मास में आये साथ-साथ,कितने पर्व।।
आरम्भ में नवरात्रे,कन्यापूजन,दुर्गा अष्टमी,रामनवमी त्यौहार। 
फिर आया वैसाखी पकी फसल कटाई का खुशियों का वार।।
साथ-साथ महावीर जयंती, गुडफ्राई डे,हनुमानजयंती उपहार। 
आ गए पावन नवरात्रे और पवित्र रमजान एक साथ इस बार।।
अपना-अपना भोजन बनाया और प्रेम से खाया,बढ़ा सद्व्यवहार। 
पृथक-पृथक वेशभूषा मत देखो , ये रंग दर्शाते इंद्रधनुषी प्यार।। 
प्रमाणित है भारत में हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई एकता व प्यार।
सब मिलजुल कर , हर्षित होकर मनाते ,अपने-अपने त्यौहार।।   
 समस्त विश्व में ऐसी सामंजस्य की ,मिलती नहीं कहीं मिसाल। 
  "भारत माता की जय"मिलकर बोलो ,मेरा भारतवर्ष विशाल।।
***नरेन्द्र चावला*भारत*अमेरिका***