खुद को पहचानो आत्मनिरीक्षण करो, अरे ओ समझदार इंसानों !
इधर-उधर देखना बंद करो ,पहले खुद को पहचानो !!
हर गलती का तुम्हें मिल जायेगा अवश्य ही कारण !
जब जागोगे तो होता जायेगा हर समस्या का निवारण !!
हर साल गर्मियों में झुलसते हो,पानी की हो जाती कमी !
पेड़ काटते,बिल्डिंगें बढ़ाते,वर्षा खत्म,आक्सीजन की कमी !!
नदियों में लगातार कूड़ा खुद डालते हो,नहीं होती कभी साफ़ !
केवल भाषणों से नहीं होंगी साफ,खुद से करो इन्साफ !!
पक्ष-विपक्ष दोनों मिलकर काम करेंगे तो जाग्रति आएगी !
स्वयं सुधार हो,जनसंख्या सीमित हो,सुख की घड़ी तभी आएगी !!
**नरेन्द्र चावला-अमेरिका**
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