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Sunday, July 28, 2024

खुद को पहचानो*** नरेन्द्र चावला

                     

      खुद को पहचानो        आत्मनिरीक्षण करो, अरे ओ समझदार इंसानों ! 

इधर-उधर देखना बंद करो ,पहले खुद को पहचानो !!

हर गलती का तुम्हें मिल जायेगा अवश्य ही कारण ! 

जब जागोगे तो होता जायेगा हर समस्या का निवारण !!

हर साल गर्मियों में झुलसते हो,पानी की हो जाती कमी !

पेड़ काटते,बिल्डिंगें बढ़ाते,वर्षा खत्म,आक्सीजन की कमी !! 

नदियों में लगातार कूड़ा खुद डालते  हो,नहीं होती कभी साफ़ !

केवल भाषणों से नहीं होंगी साफ,खुद से करो इन्साफ !!

पक्ष-विपक्ष दोनों मिलकर काम करेंगे तो जाग्रति आएगी !

स्वयं सुधार हो,जनसंख्या सीमित हो,सुख की घड़ी तभी आएगी !!

**नरेन्द्र चावला-अमेरिका**

 



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