ममता का आधार वात्सल्य
अगर समझो तो है माँ की ममता का अमिट आधार।
इस ममता के प्यार की पृष्ठभूमि है पिता का प्यार।।
सम्पूर्ण विश्व में सब लोग मानते , ,माँ को ईश्वर के समान।
तनिक विचारें माँ का अस्तित्व है,यदि पिता का हो सम्मान।।
पिता होता है पूज्यनीय तथा परिवार की सुरक्षा व छत्रछाया।
उनसे पूछकर देखो जिनके सर से जल्द उठ गया पिता का साया !!
माँ की अपूर्व ममता से मिलते हैं,हमें अमूल्य वात्सलयमय संस्कार।
पिता से हम पाते हैं जीवनोपयोगी शिक्षा,शिष्टाचार तथा सद्व्यवहार।।
पूज्यनीय माता की गोदी है , बच्चों के जीवन का सुख का द्वार।
पूज्य पिता की डांटडपट तथा आदर्शों से भविष्य में आता है निखार।।
दादा दादी , नाना नानी तथा बड़ों से मिलता है अद्भुत वात्सल्य।
जिस को भी यह उपहार मिला है ,उसका जीवन बना अतुल्य।।
***नरेंद्र चावला*भारत व अमेरिका***
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