गुरूजी ( गुज़रा हुआ जमाना ---)
गुरूजी तुम्हारे दर पे ,हमे मिल गया ठिकाना !2!
रहमत सभी पे करना ,करते हैं हम शुकराना !!गुरुजी -----
जो भी शरण में आया ,मस्तक को भी झुकाया !
बिन मांगे गुरूजी से उसने ,मन्नत को पूरी पाया !
गुरूजी के दरबार में आके ,मिलता सभी खज़ाना !!गुरूजी ---
जल-चाय परशाद जब पाते,सतसंग में मस्त होजाते !
संगत के साथ लंगर खाते और प्यार से हैं वरताते !
सरबत्त दे भले दी,गुरूजी मेहराँ सदा बरसाना !!गुरूजी ----
ॐ नमो शिवाय बोल के, करते तुम्हारी बंदगी !
अहंकार ,स्वार्थ छड्डिए,सुख-शांति दी होवे ज़िंदगी !
नफ़रत ,हिंसा गुरूजी--जग तों ख़तम करवाना !!गुरूजी ---
********नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**********