त्योहारों का महत्व * नवरात्रे कन्या (देवी ) पूजन
प्रत्येक भारतीय को गर्व है कि हमारे सर्वहितकारी हैं सभी त्यौहार।
पावन पृष्ठभूमि पर आधारित,भैयादूज,नवरात्री उपहार।।
विश्व में किसी भी देश में ऐसे पावन पर्व , कहीं नहीं मिलते।
इन अनुपम पर्वो को मनाकर,हमारे दिलों में स्नेह-पुष्प हैं खिलते।।
रक्षाबंधन व भैयादूज पर्व हैं ,भाई बहन के अटूट स्नेह के प्रतीक।
नवरात्री के नौ दिनरात होते,नई फसल तथा देवीपूजन रमणीक।।
प्रतिवर्ष नवरात्रे दो बार आसोज तथा चैत्र में नव सम्वत मनाते हैं!
शारदीय में रामलीला,दशहरा,दुर्गाविसर्जनचैत्रमें रामनवमीमनातेहैं !!
गुजरात में गरबा तथा बंगाल में होता है नाच गाकर खेला।
हर घर बन जाता है सात्विक-पूजाघर तथा लग जाता है मेला।।
9 देवी शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा,कूष्माण्डा तथा स्कंदमाता।
पूजी जाती हैं कात्ययायनी ,महागौरी तथा सिद्धिदात्री माता।।
नवरात्रे के हर दिन माने जाते हैं विशेष शुभ - मुहूरत।
शादी,गृहप्रवेश,व्यापार में नहीं पड़ती,पत्रियों की ज़रूरत।।
प्रतिदिन देवियां कन्यारूप में आती हैं पहनकर रंगीन चूड़ियां। उनके चरण धोकर,स्पर्शकर,उपहार व परोसते हैं हल्वापूरियाँ।।
नरेंद्र चावला कहे ऐसी पावन धरती पर जन्म मिले हरबार।
आशा नहीं विश्वास है शीघ्र मिटेगा ,भारतवर्ष से भ्र्ष्टाचार।।
***नरेंद्र कुमार चावला*** ***वर्जीनिया**अमेरिका***
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