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Monday, September 9, 2024

आत्मरक्षा*( शस्त्र+शास्त्र)***नरेन्द्र चावला

     आत्म-रक्षा-(शस्त्र+शास्त्र) 

भारत में शस्त्रों का ऐसे किया जाता था, आदिकाल में भी प्रयोग !

यज्ञ-मंडप में दैत्यों से सुरक्षा हेतु शस्त्रों का था संयोग !!

ऋषि विश्वामित्र की यज्ञ में दैत्यों से श्री राम द्वारा सुरक्षा !

दुष्ट शिशुपाल का नियमानुसार वध से श्री कृष्ण की शिक्षा !!

शिव भोलेनाथ ने भी किया,त्रिशूल का शांति हेतु प्रयोग ! 

इस प्रकार हमारे शास्त्र और शस्त्र हैं शन्ति-सुरक्षा का संयोग !!

वैसे भारतवर्ष कहलाता है विश्व में सत्य-अहिन्सा का पुजारी !

परन्तु सदा आत्मरक्षा हेतु भी रहती है, शस्त्रों की पूर्ण तैयारी !!

आत्मरक्षा हेतु शस्त्रों का प्रयोग भी रहता है सदा वांछनीय ! 

मानव जीवन में शस्त्र और शास्त्र दोनों ही हैं  सम्माननीय !!

**नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका**



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