सप्तऋषि मंडल
नरेन्द्र चावला कर रहा विश्लेषण,सप्तऋषि मण्डल का आज।
ताकि भौगोलिक स्थिति का रहस्य , समझे आधुनिक समाज।।
स्वच्छ आकाश में ही सप्तऋषि मण्डल , आप देख सकते हैं।
उत्तर में ध्रुवतारा व पृथ्वी का अक्ष पर परिभ्रमण समझ सकते हैं।।
ध्रुवतारे की सीधी रेखा में -- सात सितारों की दिशा दर्शाता है।
यही सात सितारों का अटल समूह,सप्तऋषि मंडल कहलाता है!।
ये हैं-मरीचि,वशिष्ठ,अरुंधती(अति सूक्ष्म), अंगिरथा,अत्रि,पुलत्स्य, पुलह, क्रत हैं साकार।
ऋतुओं के अनुरूप दिशा बदलते हैं,परन्तु स्थिर प्रश्नचिन्ह आकार।।
ये चारों ऋतुऐं वसंत,शीत,शरद,ग्रीष्म में करती रहती हैं परिभ्रमण।
इनकी आकृति बनाती है आरोग्यवानअर्थात स्वास्तिक का चिन्ह।।
उत्तर दिशा में ध्रुव तारा तथा दक्षिण में अगस्त्य का स्थिर रहना।
इन दोनों के मध्य में स्थित है,आकाशगंगा का शोभायमान रहना।।
मेरी पाठकों से करबद्ध प्रार्थना तथा त्रुटि के लिए क्षमा याचना।। नरेन्द्रचावला*भारत*अमेरिका भारत************
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