Search This Blog

Monday, October 9, 2023

सागर मंथन***नरेन्द्र चावला

                   सागर - मंथन 

आधुनिक दूषित वातावरण से प्रभावित हो,करते प्रभु से निवेदन !

समय आचुका है अब तो होना चाहिए,समस्त विश्व में सागर-मंथन !! 

चहुंओर व्याप्त हो रहा आतंकवाद का विष,फैल रहा भयंकर क्रंदन !

समाज में फ़ैल रहे स्वार्थवादी ,अवसरवादी,लुप्त सत्यता के चन्दन !! 

नकली रूप धारण करके घूम रहे स्वतंत्रता से बहरूपिये बनकर संत ! 

आओ भोले शिवशंकर महादेव,पियो ये विष ,कीजिये दुखों का अंत !! 

अगणित कंस, रावण,शिशुपाल उत्पन्न हुए,विध्वंसक हुआ वातावरण !

शीघ्र कीजिये तांडव नृत्य-लीला तथा न्यायशील त्रिशूल को धारण !!

जितना भी होता जायेगा दिन-प्रतिदिन ये आतंकवाद गहन और गहरा !

उतना ही शीघ्र अकस्मात उदित होगा,जग में सुखदायी भास्कर सुनहरा !!

अपनी ही लगाई हुयी आग में झुलस कर ये सब पतंगे भस्म हो जायेंगे !

तत्पश्चात जय श्री राम,जय श्री कृष्णा के पावन ध्वज चहुंओर लहरायेंगे!!    **नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका **

    

No comments: