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Saturday, September 9, 2023

कहां गए कान्हा***नरेन्द्र चावला

   कहाँ गए कान्हा - (राधा का सपना ) 

राधा मिली अकस्मात द्वारिकाधीश से सपने में और बोली --

"अरे ओ कृष्णा--कहाँ खो गया हमारा वह प्यारा कान्हा " ???

"बन गए द्वारिकाधीश जबसे -हम सब को भुला दिया तब से !

गीता का ज्ञान,युद्ध की जीत-राजसिंहासन ने भुला दी सब प्रीत !!

बन बैठे हो द्वारिकाधीश - मरवा कर अपनी चतुरंगिनी सेना !

क्या यही है गीता का सन्देश - लाशों के ढेर पर बैठे रहना ??

अरे-----------कहाँ गई तुम्हारी वो प्रिय बांसुरी और गायें ??

सुदर्शन चक्र से इतना प्यार हो गया,गोप-गोपियाँ कहाँ जाएँ ??

एक ऊँगली पे गोवर्धन उठाने वाले ने क्रूर सुदर्शनचक्र उठाया !

परन्तु वृंदावन में आज भी घर-घर में लोगों ने "राधे-राधे" ही गाया !!

युद्ध और प्रेम का अंतर - द्वारिकाधीश -- तुम क्या जानोगे  ! 

युद्ध में मिटाकर व प्रेम में मिटकर मिलती है जीत,कैसे पहचानोगे ?? 

यदि तुम वही कान्हा होते तो सुदामा तुम्हारे पास न आते !

बल्कि सुदामा को लेने के लिए,तुम स्वयं उस के घर जाते !! 

अरे हमारे प्यारे-प्यारे कान्हा -सुन लो हमारी करूण पुकार !

नरेन्द्र चावला अमेरिका से कहे ,पुन: दिखा दो फिर से वही चमत्कार "!! 

**नरेन्द्र चावला -वर्जीनिया-अमेरिका **


 

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