मनमुटाव के दुष्प्रभाव
मनमुटाव बनता जा रहा है ,आज विश्व में अत्यंत घातक !
धीरे-धीरे तनाव द्वारा बन जाता है,हमारे जीवन में बाधक !!
इसी मनमुटाव से धीरे-धीरे पनपने और बढ़ने लगती है दीवार !
यदि समय पर नहीं हुए सावधान,तो पश्चाताप भी होता है बेकार !!
याद रखना जीवन में सदा झुकने वाला ही माना जाता है महान !
प्राकृतिक नियम है हमेशा विशाल वृक्ष ही करते झुकने का काम !!
सदैव झुकने वाले वृक्ष ही तो देते हैं हमको स्वच्छ वायु तथा फल !
अहंकार के मद में अभिमानी जीव,जीवन में होते हैं प्राय: विफल !!
सुखी,मधुर दाम्पत्य-जीवन को कमजोर बनाता है ,तीसरा ही व्यक्ति !
जो स्वयं दुखी हैं वे दूसरों का घर जलाने में लगा देते हैं अपनी शक्ति !!
ऐसे दुष्ट लोग आपकी धन-सम्पति अथवा सुंदर स्त्री पर फिसलते हैं !
अपनी अत्यंत मीठी बोली से प्रगतिशील योजनाओं से मिलते हैं !!
ऐसे लोग पहले तो बन जाते हैं,आप के विशेष हितेषी और सलाहकार !
फिर धीरे-धीरे आपके रहस्य लेकर कर देते हैं आपके प्यार का बंटाधार !!
इस जाल से उठाते आर्थिक लाभ,फिर किसी और को करते शुरू फंसाना !
ऐसे तीसरे मध्यस्थ बनने वाले मीठे-मीठे मित्रों से हमेशा बचना और बचाना !!
***नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका***
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