हास्य कवितायें
सिनेमा में खांसी ----------
एक बार एक पति पत्नी सिनेमा देखने गए !
फिल्म बढ़िया थी, देखते -देखते मस्त हो गए !
अचानक पति को बहुत अधिक खांसी आने लगी !
अब तो लोगों को इनकी खांसी से परेशानी होने लगी !
कुछ देर में अगली सीट से किसी ने हमदर्दी दिखाई !
और एक पुड़िया उसके हाथ में पकड़ाई।
और बोला इसे मुंह में रखलो,खांसी तुरंत बंद हो जाएगी। और हुआ भी यही खांसी पूरी फिल्म में बिलकुल नहीं आई।
बाहर आकर पति ने किया इस देवता स्वरूप व्यक्ति का धन्यवाद।
और कहा,कृपया इस गोली का नाम बता दीजिए साहब।
उत्तर मिला, ये कोई दवाई नहीं थी, ये तो मेरे कोट का बटन था, जो काम कर गया जनाब।।
*****नरेन्द्र चावला* वर्जीनिया**अमेरिका****
बेकसूर
एक बार एक शराबी लोगों के तानों से जब हो गया मजबूर । एकदिनअलमारीखोलकर,बोलाआज तुम्हें करता हूं दूर।।
बारी बारी से खाली बोतलों को पकड़ कर देखने लगा।
साथ साथ पीता जा रहा था,गुस्से में बोतलें तोड़ने लगा।।
पहली बोतल जोर से फैंक कर तोड़ दी, जो थी खाली।
बोला*तेरे कारण घर छोड़ कर भाग गई मेरी घरवाली।।
फिर दूसरी तोड़ते हुए बोला,जा तूने मेरी नौकरी छुड़वाई।
तीसरी खाली बोतल पकड़ी बोला,तूने छुड़ाए बहन और भाई।।
अब चौथी हाथ में आई जो भरी हुई थी,बोला, तू बैठजा तू तो है बेकसूर।
तूने अभी कुछ नहीं किया ,तुझे कल कर दूंगा दूर।।
*******नरेन्द्रचावला**वर्जीनिया***अमेरिका********
सुहाग रात एक ऑटो ड्राईवर की ---------
सुहाग रात में ऑटो ड्राईवर,सेज पर जाकर पत्नी से यूं बोला ----
जरा सा आगे खिसक ले ,अभी एक सवारी और बैठेगी !!
पत्नी सुन कर रह गयी दंग !
ऑटो ड्राईवर के नशे का तभी उतर गया रंग !!
**************नरेन्द्र चावला-गुरुग्राम-भारत************
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