परिवर्तन ही जीवन है !!!
( Philosophy of Life )
परिवर्तन ही जीवन है----- और जीवन भी है परिवर्तन ।
गति समय की चले निरंतर,सुख-दुःख का होता आवर्तन।।
ऋतुऐं बदल-बदल कर आती,अपना-अपना रंग दिखाती।
शीत,ग्रीष्म तथा बरसात, हेमंत, शिशिर ,पतझड़ की रात। प्रकृति के सब जीवों हेतु,अत्यावश्यक है ऋतु-आवागमन।।----
जन्म-मरण का है यह धोखा, प्रवाह कभी न जाए रोका।
जिसे समझते है हम अंत, परिवर्तित रूप का है वह तंत।
योगी-ज्ञानी सभी जानते , करके सच्चा सुमिरन - चिंतन।।---
बीज से तरू ,तरु से पात,परिवर्तन फल-फूल सौगात।
फल से पुन; दोहराया जाता,परिवर्तन का रिश्ता-नाता।जीवन का दर्शन है यारो,सृजन-विसर्जन,सृजन-विसर्जन।।----
**नरेन्द्र चावला *भारत*अमेरिका**
( Philosophy of Life )
परिवर्तन ही जीवन है----- और जीवन भी है परिवर्तन ।
गति समय की चले निरंतर,सुख-दुःख का होता आवर्तन।।
ऋतुऐं बदल-बदल कर आती,अपना-अपना रंग दिखाती।
शीत,ग्रीष्म तथा बरसात, हेमंत, शिशिर ,पतझड़ की रात। प्रकृति के सब जीवों हेतु,अत्यावश्यक है ऋतु-आवागमन।।----
जन्म-मरण का है यह धोखा, प्रवाह कभी न जाए रोका।
जिसे समझते है हम अंत, परिवर्तित रूप का है वह तंत।
योगी-ज्ञानी सभी जानते , करके सच्चा सुमिरन - चिंतन।।---
बीज से तरू ,तरु से पात,परिवर्तन फल-फूल सौगात।
फल से पुन; दोहराया जाता,परिवर्तन का रिश्ता-नाता।जीवन का दर्शन है यारो,सृजन-विसर्जन,सृजन-विसर्जन।।----
**नरेन्द्र चावला *भारत*अमेरिका**
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