होली-भारत का अनुपम उत्सव
आज होली के रंगों में , तभी वास्तविक परमानंद आएगा।
आज होली के रंगों में , तभी वास्तविक परमानंद आएगा।
जब मानव हृदय में द्वेष-भाव त्याग कर ,प्रेमभाव समायेगा।।
जब वृन्दावन की कुञ्ज-गलिन में,गूंजेगी "राधे-राधे"की सुमधुर आवाज़।
दर्शन होंगे बांके-बिहारी के, बजने लगेंगे दिलों में मुरली की धुन पर साज़।।
जब वृन्दावन की कुञ्ज-गलिन में,गूंजेगी "राधे-राधे"की सुमधुर आवाज़।
दर्शन होंगे बांके-बिहारी के, बजने लगेंगे दिलों में मुरली की धुन पर साज़।।
ब्रज-भूमि की रज के स्पर्श से , आएगा एक अनूठा आनंद।
बरसाने की गोपियाँ जब , उड़ाएंगी अबीर - गुलाल के रंग।।
नंदगांव की बढ़ेगी शोभा , जब-जब होगी लठ्ठ-मार होली।
रसिक गोप - गोपियों की भर जाएगी , मन्नतों से झोली।।
लोगों को करेगी आनंद - विभोर --- लडडू - होली।
रंग लाएगी दिलों में,जब-जब होगी माखन-होली।।
कहीं "राधे-राधे "तो कहीं "जयश्री कृष्णा"मधुर-ध्वनि से छायेगी बहार।
गोकुल-मथुरा , द्वारिकाधीश में ही नहीं,समस्त भारत में लुटेगा प्यार ही प्यार।।
*******नरेन्द्र चावला*भारत*अमेरिका*******
No comments:
Post a Comment