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Saturday, October 25, 2025

छठ पूजा पर्व *** नरेन्द्र चावला

              छठ पूजा पर्व   

 हमें अपने सभी भारतीय उत्सवों पर है , विशेष गर्व। 

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष का छठ पूजा है श्रेष्ठ पर्व।।

सम्पूर्ण विश्व में शायद कोई अन्य नहीं है,ऐसा देश दूजा।

जहां 36 घंटे उपवास रखकर ,सूर्यास्त की होती हो पूजा।। 

चार दिवसीय यह पर्व उत्तरी भारत  में धूमधाम से मनाया जाता है। 

पहले कुछ राज्यों में था,अब भारत व विदेशों में भी मनाया जाता है!।

आरम्भ में चावल के लड्डू व फलों से सूर्यास्त पर अर्घ देते हैं।            अंतिम दिन सूर्योदय को झील अथवा नदी में खड़े होकर अर्घ देते हैं।।

 नारियां सजधज कर,मधुर गीत गाकर,करती हैं सूर्योपासना।

बिना किसी जाति भेदभाव के,करती हैं पुत्री जन्म की कामना।।   

प्रतिवर्ष ये पूजन स्नान करके जलाशय या नदी तट पर होता है।

इस दिन संतान की दीर्घायु हेतु ,बिना पुरोहित,आदित्य भगवान पूजन होता है!।

इतिहास साक्षी है द्वापर युग में,कुंती की सूर्योपासना का परिणाम।

महाबली व महादानी कर्ण का सूर्य पूजा से ही है अमर नाम।।

नरेन्द्र चावला कहे भारतीय उत्सव ,सदा धूमधाम से मनाईये।

अपने बच्चों को अपनी संस्कृति से पूर्णतया अवगत कराइये।।

*******नरेन्द्र कुमार चावला-गुरुग्राम-भारत **और अब अमेरिका से ****           

Thursday, October 16, 2025

प्राकृतिक संगीत***नरेन्द्र चावला

                            

      प्राकृतिक संगीत 

     सब से सुहावना प्राकृतिक संगीत !सब के मन में भरता प्रीत !! 

     झरनों और नदियों का संगीत ! वृक्षों के पत्तों का संगीत !

       पक्षियों के कलरव की तरंग,सूर्योदय व सूर्यास्त के अनुपम रंग !  

        नभ में घनघोर घटाएं मधुरिम , वर्षा की बूंदों की रिमझिम। 

        भू से नभ तक नवीन उमंग , सुमनों पर भ्रमरों की गुंजन !

        प्राकृतिक संगीत का अद्भुत नज़ारा,तनाव दूर करता है हमारा !!

        जागो मानव हो जाओ सावधान,प्रकृति से रखो अधिक लगाव। 

        यदि करोगे हस्तक्षेप प्रकृति में ,भुगतोगे जानलेवा दुष्प्रभाव  !!

****************नरेंद्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका **************

        

          

Sunday, October 12, 2025

आदर्श विज्ञापन ***नरेन्द्र चावला

हमको नित्य प्रति मिलते रहते हैं ऐसे विज्ञापन। जिन से हो जाता है सब को आकर्षण।
10/20/50% या By 1, get 1 Free.
हम करते खरीदारी,होती दुकानदारों की खूब बिक्री।।
लेकिन ये सब होता है एक सीमित काल तक।    जबकि हमे प्रभु से मिले,अदभुत आकर्षण रहते अनंतकाल तक।। 
हमारे सत्कर्म हैं प्रभुप्रदत्त ऐसे आदर्श विज्ञापन सुन्दर।
जो बांटने पर भी बढ़ते रहते हैं,ये होकर पुण्यकर्म निरंतर।।
***नरेन्द्र चावला*वर्जीनिया*अमेरिका***