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Tuesday, May 21, 2024

सामंजस्य***नरेन्द्र चावला

                                     सामंजस्य 

  ज्यों ही मुझे सुमित्रा नंदन पंत जी से प्रेरणा मिली। 

  तुरंत मेरी लेखनी सामंजस्य विषय पर चल निकली ।।

    सामंजस्य समाज  में रहना चाहिए सदा व्याप्त। 

   वर्ना कैसे रहेंगे पक्ष-विपक्ष,विष-अमृत,दिनरात।।

   संभव है असत्य-सत्य का सामंजस्य से ही परीक्षण। 

   सामाजिक शत्रुता-मित्रता का भी संभव रहस्योद्घाटन।। 

  भोजन में मीठे-नमकीन में सामजस्य भी है ज़रूरी। 

  यह घृणा-ईर्षा तथा प्रेम-वैमनस्य में रखता है दूरी।।

   जब तक जग में रहेगा--स्वार्थ , ईर्षा और अहंकार। 

  केवल सामंजस्य से ही पनप सकेगा पारस्परिक प्यार।।

  नरेन्द्र चावला कहे - सामंजस्य हेतु हैं अत्यंत ज़रूरी।

 सच्चे दिल से होना चाहिए, शुकराना 

 तथा श्रद्धा-सबूरी।। 

  ****नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया (अमेरिका )********  

      

Friday, May 10, 2024

ये तीन स्थान कराते असली मंजिल का ज्ञान***नरेन्द्र चावला

       ये तीन स्थान कराते हैं मंजिल का ज्ञान

कौन सी है हमारी मंजिल, भूलता जा रहा है इंसान ।

किसी भी तरह से बनना चाहता है केवल धनवान।।

वक्त समझाता है क्या होता,असली मंजिल का ज्ञान।

हमारी आंखें खुलती हैं पहुंचकर , ये तीन स्थान।।

महत्वपूर्ण हैं ये तीन स्थान,जहां पर याद आते भगवान !

आईये जाने कौन-कौन से हैं वे ऐसे अद्भुत तीन स्थान ??

ये हैं अस्पताल,जेल,शमशान,ऐ इंसान ज़रा पहचान !!

स्वास्थ्य ही है असली मंजिल,अस्पताल में समझता इंसान!

जेल में जाकर समझ आता है क्या होती आज़ादी की शान !!

शमशान में जाकर याद आता है, प्रभु का  सिमरन है महान !

यहीं पहुंच कर जीवन-मृत्यु का हमें होता है असली ज्ञान !!

स्वार्थ/अहंकार के पंख लगाकर हम भरते रहते ऊंची उड़ान !

Eat,Drink & Be Merry पर करते रहते अभिमान !!

अब तो जागो नेककर्म करो इसी में बसते हैं खुदा/भगवान !

नरेन्द्र चावला कहे अब तो करलो अपनी मंजिल की पहचान!!

*******नरेन्द्र चावला-वर्जीनिया-अमेरिका********


अक्षय तृतीया का इतिहास***नरेन्द्र चावला

                       अक्षय तृतीया 

 अक्षय तृतीया पर नरेन्द्र चावला की हार्दिक शुभकमनाएं। 

  आईयेआज हम सब इस पर्व के इतिहास को जान पाएं।। 

  हमारा जीवन बल,बुद्धि तथा विद्या में हो अक्षय पूर्ण अनंत। 

 सुख-समृद्धि,निरोगी,सम्मान,शक्ति,सुयश मिले जीवन पर्यन्त।। 

  अक्षय तृतीया पावन पर्व की क्या-क्या हैं महत्वपूर्ण जानकारी। 

   इसका इतिहास जानकर के जिज्ञासा परिपूर्ण होगी हमारी।। 

   यही है पावन दिवस जब हुआ था धरती पर गंगावतरण।

   ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का भी आज हुआ था अवतरण।।

  महर्षि परशुराम जयंती व माँ अन्नपूर्णा का जन्म है आज के दिन। 

    महाभारत के युद्ध का समापन भी हुआ था आज ही के दिन।।

   आज के ही दिन देवता कुबेर जी ने अपार खजाना पाया था। 

    इसी दिन भगवान कृष्ण ने द्रोपदी को चीरहरण से बचाया था। 

    कृष्ण - सुदामा का भी हुआ था आज ही के दिन पुण्य मिलन।

     सतयुग तथा कलयुग का प्रारम्भ भी हुआ था आज के दिन।।

    तीर्थधाम बद्रीनाथ जी के कपाट भी आज के दिन खुलते हैं। 

    वृन्दावन में बांकेबिहारी जी के विग्रह चरण आज ही दिखते हैं।। 

            भारतवर्ष के सभी पर्व हैं ऐतिहासिक तथा महान। 

             हम सब को गर्व है कि हम हैं इस देश की संतान।। 

  ************ नरेन्द्र चावला - गुरुग्राम *भारत**वर्जीनिया*अमेरिका **************