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Thursday, September 16, 2021

हिन्दी दिवस पर नरेन्द्र चावला ला के विचार

                    हिंदी दिवस 


                 


                  


                                            



   हिन्दी- दिवस

भारतवर्ष की सर्वप्रिय राष्ट्र भाषा है हिन्दी।

  विश्व मानचित्र में सुसज्जित जैसे मस्तक पर बिंदी।

प्रतिवर्ष है सबसे गर्व से हिंदी-दिवस पर्व मनाते हैं। 

"मज़हब नहीं सिखाता,आपस में बैर रखना चाहते रखना -------

 "हिंदी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा"गीत दोहराते हैं।।

परन्तु वास्तव में हमारी नई पीढ़ी,हिंदी से होती जा रही है दूर।

 क्योंकि बच्चों को अंग्रेज़ी पढ़ा कर ,हम सब करते हैं गरूर।।

 नौकरी ,उद्योग धंधे ,व्यापार पर भी है,अंग्रेज़ी का अधिकार। 

 हिंदी बोलने सुनने में सोसायटी में , हम होते हैं  शर्मसार ।।

मेरे देश में तो गाड़ियों की नंबर प्लेट,हिंदी में हो तो चालान। 

जबकि पड़ौसी देश नेपाल को,हिंदी नंबरप्लेटों पर हैअभिमान।। 

आज भी वेदपुराण,गीता तथा  रामायण ग्रन्थ हमारी संस्कृति  की हैं शान।

दोहे,चौपाईयाँ,छंद,कविताओं, हनुमान चालीसा में है हमारी जान।।

मैं बचपन सेअबतक,अंग्रेज़ी प्राध्यापक होकर भी हिंदीमें हूँ लिखता।

 हिंदी के कारण ही मुझे देश-विदेश में , इतना असीम प्यार है मिलता।।   

हमारी सरकार को करना चाहिए अनिवार्य,शिक्षा में हिंदी का स्थान।

ताकि बने रहें तक्षशिला,नालंदा तथा वन्देमातरम भारत की शान।।

नरेन्द्र चावला-भारत वअमेरिका से***

          

                  

            

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