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Wednesday, August 27, 2014

भोजन द्वारा चिकित्सा: 15 - 17 प्याज, नीम्बू ,और पपीता (Pyaaz, Nimbu, Papita)

१५ प्याज  
प्याज जगत में प्रसिद्ध है ,सब्ज़ियों का सरताज।
हर व्यक्ति के लिए करे , प्याज  अनेकों  इलाज।।
भूख बढ़ाये ,दूर करे यह , पेट का गैस , अफारा।
ग्रीष्म -ऋतू में लू से ,बचने का एक-मात्र सहारा।।
शहद मिला कर प्याज़ रस लें,श्वास -रोग हों दूर।
स्त्री -पुरुष यौवन हेतु ------गुणों से यह भरपूर।।
रक्तशोधक और चर्म-रोगों में, अत्यंत लाभकारी।
इसका सेवन हर लेता है,टी०बी०,हैजा बीमारी।।
 माताओं के दूध में वृद्धि, कच्चे प्याज़ से होती। प्याज़ के गर्म रस से मालिश,पांवों की रक्षा होती।।
गर्म रस की पांच बूँदें डालकर  , कर्ण रोग भगाएं।
नित्य सेवन प्याज़ से, पीलिया ,मूत्र -रोग मिटायें।।
कच्चे प्याज़ का सेवन , हृदय रोग में है सहायक।
सफेद प्याज़ ,अदरक ,शहद,मर्दों हेतु लाभदायक।।
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               १६ नीम्बू               
 नीम्बू दिखने में छोटा सा,लेकिन गुणों से है भरपूर।
 नित्य करें प्रयोग इसे यदि , अनेकों रोग हों दूर।।
भुना जीरा,नमक,सोडा दूर करे,पेट में गैस भारीपन।
नीम्बू रस मिश्रित जल से स्नान,चमकाता है तन।.
गर्म पानी संग सेवन हो तो ,नीम्बू कब्ज़ भगाए।
शहद मिलकर नित्य पियें तो , मोटापा घटाये।।
नीम्बू रस के कुल्लों से हों , मुहं के रोग सब दूर।
गठिया ,पीलिया घातक रोग ,नीम्बू हरे हुज़ूर।।
बी० पी० ,हृदय ,लिवर रोगों में भी है हितकारी।
यात्रा में अवश्य रक्खें संग,नीम्बू चीज़ है प्यारी।।  
विटामिन सी का है यह खज़ाना,जादू करे कमाल।
उपयोगी है बहुत अधिक ,काम आये पूरा साल।।
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१७ पपीता 
   भारतवर्ष में सरलता से उपलब्ध ,पपीता फल निराला।
   पेट के रोगों में उपयोगी  तथा यकृत का भी रखवाला।।
   पका पपीता खाते रहें तो , कब्ज़ को दूर भगाता है।
    कच्चा पपीता उबाल कर लें तो,दस्त दूर भगाता है।!
    अधिक नहीं पर थोड़ा-थोड़ा ,नियमित रूप से खाएं।
    तिल्ली ,यकृत स्वस्थ करें ,चेहरे पर  रौनक लाएं।।
    माताओं में कच्चे पपीते की सब्ज़ी ,स्तन का दूध बढ़ाये।
    पपीते के वृक्ष के पत्ते, डेंगू-ज्वर में प्लेटलेट को बढ़ाएं।।    
    भारतवर्ष में फल व् सब्ज़ियाँ ,ऐसे करें कमाल।
     नरेन्द्र चावला का प्रयास,स्वास्थ्य हेतु है ढाल।।
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